भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढ़कर 58.3 हो गया जबकि मई में यह 57.5 था। एचएसबीसी के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने बीते माह आई गिरावट के मुकाबले इस बार कुछ बढ़ोतरी दर्ज की। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने मांग की जबरदस्त स्थितियों के बलबूते अपनी स्थिति बेहतर की। मांग बढ़ने से नए ऑर्डर, आउटपुट और खरीदारी के स्तर में विस्तार हुआ।
पीएमआई सूचकांक में 50 से ऊपर का स्तर बढ़त और इससे कम गिरावट को दर्शाता है। यह आंकड़े बीते 19 साल से अधिक समय से एकत्रित किए जा रहे हैं और कंपनियों ने इस बार तब से अब तक रोजगार की दर को सर्वाधिक बढ़ाया है। यानी रोजगार दर में रिकॉर्ड बढ़त हुई है।
मई से ही लागत का दबाव घटने लगा था, फिर भी बीते दो वर्षों में यह सर्वाधिक था। इससे कंपनियों को उत्पाद की बिक्री मूल्य में इजाफा करना पड़ा था और मई 2022 के बाद कंपनियों ने उत्पाद का दाम सबसे ज्यादा बढ़ाया। सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने मई में आई वृद्धि की गिरावट को कुछ दुरुस्त किया।
इससे पीएमआई में इजाफा हुआ और यह दीर्घकालिक औसत से करीब पांच अंक ज्यादा है। जून के आंकड़ों के अनुसार जबरदस्त मांग की की वजह से नए ऑर्डर, आउटपुट और खरीदारी के स्तर में इजाफा हुआ।’
सर्वेक्षण के मुताबिक, उपभोक्ता सामान उद्योग का प्रदर्शन मजबूत था जबकि मध्यवर्ती और निवेश सामान श्रेणी में भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई। सर्वेक्षण के अनुसार जून माह में भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की बिक्री में अच्छी बढ़त दर्ज हुई। अच्छी मांग, उच्च निर्यात मात्रा और सफल विज्ञापनों ने मांग में इजाफा किया।