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चीन ने आश्वासन दिया, फिर भी भारत को खनिज और मैग्नेट की सप्लाई नहीं मिली

वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग के लिए जरूरी खनिजों की कमी बनी हुई है। चीन ने निर्यात ढीला करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कंपनियों को कोई खेप नहीं मिली।

Last Updated- September 11, 2025 | 9:12 AM IST
India's dependence on imports from China increased, exports fell; Threat looming on trade balance? भारत की चीन से आयात पर निर्भरता बढ़ी, निर्यात गिरा; व्यापार संतुलन पर मंडरा रहा खतरा?

अभी तक भारत के वाहन निर्माताओं को महत्त्वपूर्ण खनिजों और मैग्नेट निर्यात पर चीन के आश्वासन के बावजूद कोई आपूर्ति नहीं हुई है। इस मामले के जानकार व्यक्तियों के मुताबिक इस क्षेत्र में अनिश्चितता कायम है। दरअसल, चीन ने महत्त्वपूर्ण खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर बंदिशों पर भारत की चिंताओं के समाधान का आश्वासन दिया है।

इस मामले की जानकारी देने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘चीन के आश्वासन के बावजूद किसी भी कंपनी (घरेलू) को चीन के आपूर्तिकर्ताओं से आपूर्ति प्राप्त नहीं हुई है।’ चीन के विदेश मंत्री वांश शी ने बीते महीने भारत के दौरे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को वादा किया था कि चीन महत्त्वपूर्ण खनिजों सहित अन्य उत्पादों पर लगाए गए निर्यात के प्रतिबंधों को ढीला करेगा।

महत्त्वपूर्ण खनिज व मैग्नेट वाहन व वाहन कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उद्योग और रक्षा क्षेत्र तक के लिए अहम हैं। इनका निर्यात 4 अप्रैल के बाद से चीन निर्यात लाइसेंस मानदंडों के तहत करता है। अमेरिका के चीन के उत्पादों पर शुल्क बढ़ाया था और इसके जवाब में चीन ने प्रतिबंध लगाए थे। नए नियमों के तहत चीन के विक्रेताओं को निर्यात को मंजूरी लेगी होगी।

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इसके तहत चीनी विक्रेताओं को आयातक यह गांरटी दे सकता है कि इन सामग्रियों का दोहरा इस्तेमाल या रक्षा संबंधित ऐप्लिकेशन के लिए नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रक्रिया लंबी और और जटिल है। दरअसल इन निर्यात प्रतिबंधों के बाद से भारत राजनयिक तरीकों के जरिए चीन से वार्ता कर रहा है ताकि भारत के निर्यातकों को महत्त्वपूर्ण कच्चे खनिज की खेप मिल सके।

भारत के वाहन उद्योग ने महत्त्वपूर्ण खनिज के मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंधों लगाए जाने के बाद जून में भारत सरकार के समक्ष चिंताएं उजागर की थीं। वाहन उद्योग ने कहा था कि चीन से इन महत्त्वपूर्ण कच्चे खनिजों के आयात को मंजूरी मिलने में देरी के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों सहित वाहनों के निर्धारित उत्पादन में व्यवधान उत्पन्न हुआ था।

First Published - September 11, 2025 | 9:12 AM IST

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