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मद्रास हाईकोर्ट ने EPFO के 18 जनवरी के सर्कुलर को रद्द किया, कर्मचारियों को हाई पेंशन का विकल्प मिलेगा

सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2022 के आदेश के अनुसार, 15,000 रुपये से अधिक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को उच्च पेंशन का विकल्प देने की अनुमति जारी रहेगी।

Last Updated- September 11, 2025 | 9:17 AM IST
EPFO Withdrawal Rules

मद्रास उच्च न्यायालय के मुदरै पीठ ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएओ) के पीएफ कोष का स्वयं प्रबंधन करने वाली कंपनियों के उच्च पेंशन के आदेश के अनुरूप पिछली तारीख से अपने नियमों में संशोधन करने की अनुमति नहीं देने के 18 जनवरी के परिपत्र को रद्द कर दिया। श्रमिकों को उच्च पेंशन की अनुमति सर्वोच्च न्यायालय के नवंबर 2022 के आदेश के अनुरूप दी गई थी।

आदेश में कहा गया, ‘ उत्तरदाता (ईपीएफओ) का 18 जनवरी को जारी परिपत्र सर्वोच्च न्यायालय के सुनील कुमार मामले में जारी आदेश का उल्लंघन नहीं हो सकता है। इसे रद्द किया जाए।’ सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर, 2022 के आदेश में यदि मासिक वेतन की सीमा 15,000 रुपये से अधिक हो तो 1 सितंबर, 2014 से कार्यरत पात्र कर्मचारियों को उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करके उच्च वेतन पर पेंशन का विकल्प चुनने की अनुमति
दी थी।

सेल-बीएसपी पेंशनर्स एसोसिएशन के सचिव बी. एन. अग्रवाल के मुताबिक ऐसा लगता है कि ईपीएफओ ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त विकल्पों को नामंजूर कर दिया है। इसने मुख्यतौर पर ‘गैरवाजिब बहाने’ जैसे छूट प्राप्त ज्यादातर संस्थानों के ट्रस्ट के नियमों पर सीमाएं आदि दिए गए थे।

अभी छूट प्राप्त संस्थानों में ज्यादातर संयुक्त विकल्प के तहत ट्रस्ट नियमों में इस तरह की वेतन सीमा अंतर्निहित नहीं थी, उन पर पीएफ कार्यालय ने विचार किया है। अब उच्च न्यायालय के आदेश के तहत 31 जनवरी या उससे पहले ईपीएफओ में उच्च पेंशन का आवेदन स्वीकार हो चुके आवेदनों पर संयुक्त विकल्प की अनुमति दी गई है।

First Published - September 11, 2025 | 9:17 AM IST

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