facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

RBI के हस्तक्षेप से रुपये में कम गिरावट, 2023 में 0.13 प्रतिशत की ही दिखी कमजोरी

रुपये में गिरावट फरवरी में उभरते बाजार प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले काफी कम है, क्योंकि इसे आरबीआई के हस्तक्षेप से मदद मिली है

Last Updated- February 27, 2023 | 8:06 PM IST
Rupee vs Dollar

सोमवार को रुपया गिरावट के बावजूद डॉलर के मुकाबले 83 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बना रहा। आरबीआई द्वारा डॉलर बिक्री के जरिये मुद्रा बाजार में अत्य​धिक उतार-चढ़ाव रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों से रुपये में तेज गिरावट का सिलसिला कमजोर पड़ रहा है।

कारोबारियों का कहना है कि वै​श्विक तौर पर अमेरिकी डॉलर में बड़ी तेजी की वजह से रुपये को गिरने से बचाने के लिए केंद्रीय बैंक ने इस महीने लगातार प्रयास किया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़े से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा इस महीने अब तक 11 अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं के मुकाबले बेहतर ​​हालत में है।

सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.85 पर बंद हुआ, जबकि उसका पूर्ववर्ती बंद भाव 82.75 था। 2023 में रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक 0.13 प्रतिशत की कमजोरी आई है।

सोमवार को दिन के कारोबार में, रुपया कमजोर पड़कर 82.95 प्रति डॉलर पर ​पहुंच गया था, क्योंकि उभरते बाजारों की मुद्राओं के लिए धारणा अमेरिकी आंकड़ा आने के बाद कमजोर हुई है।

पिछली बार रुपये ने 20 अक्टूबर 2022 को दिन के कारोबार में 83 का निशान छुआ था। उस दिन, भारतीय मुद्रा ने 83.29 प्रति डॉलर का सर्वा​धिक निचला स्तर बनाया था।

ऊंची अमेरिकी ब्याज दरों से डॉलर में तेजी को बढ़ावा मिला है और रुपये जैसी ईएम मुद्राओं पर दबाव बढ़ा है। प्रमुख 6 मुद्राओं का मापक अमेरिकी डॉलर सूचकांक 105.16 पर था, जबकि शुक्रवार को यह 104.72 पर दर्ज किया गया था।

पिछले कुछ सप्ताहों में आए आंकड़ों से मुद्रा कारोबारियों में इसे लेकर आशंका बढ़ी है कि फेड अनुमान के मुकाबले ज्यादा लंबे समय तक ब्याज दर वृद्धि बरकरार रख सकता है।

जहां मजबूत डॉलर का असर कई अन्य मुद्राओं पर भी पड़ा है, वहीं आरबीआई द्वारा अपने भंडार से लगातार डॉलर बेचने से अन्य मुद्राओं के मुकाबले रुपये को ज्यादा गिरने से रोक रखा है। फरवरी में अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 1.1 प्रतिशत कमजोर हुआ है, जो अन्य 11 ईएम की मुद्राओं की तुलना में काफी कम गिरावट है। द​क्षिण कोरियाई वोन और थाई बहत जैसी मुद्राएं 6 प्रतिशत से ज्यादा कमजोर हुई हैं।

First Published - February 27, 2023 | 8:06 PM IST

संबंधित पोस्ट