माल एवं सेवा कर काउंसिल (GST) की शनिवार को होने वाली बैठक में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन तथा पान मसाला और गुटखा कारोबार में टैक्स चोरी पर लगाम लगाने की व्यवस्था पर चर्चा होने की संभावना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 18 फरवरी को होने वाली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर मंत्री समूह (GoM) की रिपोर्ट पर विचार होने की संभावना नहीं है। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि जिन मुद्दों पर काउंसिल की 17 दिसंबर, 2022 को हुई बैठक में विचार नहीं किया जा सका था, वे जीएसटी काउंसिल की 18 फरवरी को होने वाली 49वीं बैठक के एजेंडा में सबसे ऊपर हैं।
पान मसाला और गुटखा उद्योग में टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिये ओड़िशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता वाले GoM की रिपोर्ट पर बैठक में विचार किया जा सकता है।
माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण पर पिछले साल जुलाई में हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की रिपोर्ट पर भी विचार किये जाने की संभावना है।
मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि न्यायाधिकरण में दो न्यायिक सदस्य शामिल होने चाहिए। इसमें एक-एक तकनीकी सदस्य केंद्र और राज्यों से होने चाहिए। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को इसका अध्यक्ष होना चाहिए।
हालांकि ‘ऑनलाइन गेमिंग’ पर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की रिपोर्ट पर चर्चा की संभावना नहीं है। रिपोर्ट पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपी जा चुकी है और काउंसिल में विचार के लिये रखे जाने से पहले इसे राज्यों को दिया जाना है।
GoM ने नवंबर में पिछली बैठक में इसपर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमित जतायी थी। हालांकि, इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि कर पोर्टल की तरफ से लिये जाने वाले केवल शुल्क पर या प्रतिभागियों से प्राप्त दांव राशि समेत पूरी रकम पर लगाया जाए। GoM ने अंतिम निर्णय के लिये सभी सुझाव जीएसटी काउंसिल को भेजने का फैसला किया। फिलहाल, ऑनलाइन गेमिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। टैक्स सकल गेमिंग राजस्व पर लगता है। यह वह शुल्क है जो ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल लेते हैं।