वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में नवंबर महीने में शानदार तेजी देखी गई। नवंबर में जीएसटी संग्रह 15 फीसदी बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल नवंबर में सरकार को 1.46 लाख करोड़ रुपये जीएसटी प्राप्त हुआ था।
चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में केवल दो महीने ही जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से कम रहा है। जीएसटी में लगातार बढ़ोतरी से केंद्र सरकार को राजस्व खर्च पूरा करने में सहूलियत होगी और राज्यों को भी राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें इस साल जून से मुआवजा नहीं मिल रहा है।
नवंबर में जीएसटी संग्रह से पता चलता है कि अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियां तेज रहीं और आगे भी इनमें तेजी बनी रहने का संकेत मिलता है। दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रही, जो अनुमान से बहुत बेहतर है। हालांकि इस साल अक्टूबर की तुलना में नवंबर में जीएसटी प्राप्तियां करीब 4,000 करोड़ रुपये कम रही।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में जीएसटी से सरकारी खजाने में 1.72 लाख करोड़ रुपये आए थे। चालू वित्त वर्ष में तीसरा सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह नवंबर में ही हुआ है।
विदेशी चुनौतियों के बावजूद नवंबर में जीएसटी प्राप्तियां 15 फीसदी बढ़ना उत्साहजनक है। नवंबर में सेवाओं के आयात और घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह पिछले नवंबर की तुलना में 20 फीसदी बढ़ा है।
ईवाई में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘जीएसटी राजस्व बढ़ने में मुख्य रूप से घरेलू गतिविधियों में तेजी और कर अनुपालन का योगदान रहा है। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थायित्व को दर्शाते हैं।’मगर कुछ विशेषज्ञों ने कर प्रशासन पर की आलोचना की है।
उदाहरण के लिए टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी में पार्टनर विवेक जैन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी विभाग में गतिविधियां बढ़ गई हैं क्योंकि 2018-19 के लिए नोटिस जारी करने की समयसीमा इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप कर संग्रह में इजाफा हुआ है क्योंकि विभाग मांग करता है और करदाताओं को उसके खिलाफ अपील करने से पहले उसे जमा करना ही पड़ता है।’
अग्रवाल ने भी कहा कि जीएसटी संग्रह में आगे और वृद्धि के लिए अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देना जरूरी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में कुल जीएसटी संग्रह 12 फीसदी बढ़कर 13.32 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 11.92 लाख करोड़ रुपये था।
नवंबर में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 14.4 फीसदी बढ़कर 68,297 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी 14 फीसदी बढ़कर 69,783 करोड़ रुपये रहा।