GST Collection: पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च 2024 में कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.5 फीसदी बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल अप्रैल के बाद यह किसी महीने में सबसे अधिक जीएसटी संग्रह था। अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ रुपये जीएसटी आया था। मार्च 2024 में वस्तुओं के आयात पर मिलने वाला एकीकृत जीएसटी कम रहा फिर भी कुल जीएसटी बढ़ने का मतलब है कि कारोबारी गतिविधियों में तेजी आई है।
वित्त मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में रिफंड से पहले कुल जीएसटी संग्रह 20.14 लाख करोड़ रुपये रहा, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के 18.07 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 11.7 फीसदी अधिक है। मार्च में शुद्ध जीएसटी संग्रह 18.4 फीसदी बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2024 के दौरान शुद्ध जीएसटी प्राप्तियां इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.4 फीसदी बढ़कर 18.01 लाख करोड़ रुपये रहीं। देश के भीतर सौदों में बढ़ोतरी से मार्च में जीएसटी को ताकत मिली। देसी सौदों से 17.6 फीसदी ज्यादा जीएसटी मिला है। दूसरी ओर जिंसों के दाम में नरमी से वस्तुओं के आयात पर मिलने वाला एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) मार्च में 5.1 फीसदी घटकर 40,322 करोड़ रुपये रह गया।
ईवाई में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘मार्च में जीएसटी प्राप्तियों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 11.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो वैश्विक चुनौतियों के बीच हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।’ लेकिन इस दौरान आयातित वस्तुओं पर कुल उपकर महज 3.7 फीसदी बढ़कर 996 करोड़ रुपये रहा।
मार्च में कुल 77,706 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी मिला और राज्य जीएसटी मद में 81,450 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो कुल केंद्रीय जीएसटी 8.62 लाख करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी प्राप्तियां 8.83 लाख करोड़ रुपये रहीं।
हालांकि यह पता लगाना मुश्किल है कि बजट में वित्त वर्ष 2024 के लिए तय किए गए
संशोधित अनुमान पूरे हुए या नहीं क्योंकि ये आंकड़े सकल आधार पर दिए गए हैं। बजट में केंद्रीय जीएसटी से 8.12 लाख करोड़ रुपये मिलने का संशोधित अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2024 के दौरान औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के औसत संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
केपीएमजी में पार्टनर और अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 में मासिक जीएसटी संग्रह में तकरीबन 18,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो वृद्धि और सुधार की कहानी बयां करता है।’
मणिपुर और केंद्र शासित प्रदेश दादर तथा नागर हवेली और दमन एवं दीव को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में जीएसटी संग्रह बढ़ा है। डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों को मापने का पैमाना होता है क्योंकि यह कर सौदों या लेनदेन पर लिया जाता है। इससे सभी इलाकों और उद्योगों में वृद्धि की सही तस्वीर मिलती है।’