facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

भारत के सकल FDI में 25.7% की वृद्धि, शुद्ध FDI में स्थिरता

अप्रैल-सितंबर 2024 में सकल एफडीआई बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हुआ; विनिर्माण और ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख आकर्षण, सिंगापुर और अमेरिका से अधिकांश निवेश।

Last Updated- November 20, 2024 | 11:17 PM IST
Maharashtra is the first choice of foreign investors, received FDI worth Rs 1.13 lakh crore in just six months विदेशी निवेशकों की पहली पसंद महाराष्ट्र, सिर्फ छह महीने में मिला 1.13 लाख करोड़ रुपये का FDI

अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान भारत के सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 25.7 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान एफडीआई बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 33.5 अरब डॉलर था।

बहरहाल अप्रैल से सितंबर के दौरान विदेश भेजे गए धन को निकालकर शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कम होकर 3.9 अरब डॉलर रह गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.9 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के नवंबर 2024 के बुलेटिन से पता चलता है कि धन की निकासी और विदेश में लगाए गए धन में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।

भारत में सीधे निवेश करने वाले लोगों द्वारा प्रत्यावर्तन/विनिवेश वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में बढ़कर 27.8 अरब डॉलर हो गया है, जो अप्रैल-अगस्त 2023 के दौरान 32.1 अरब डॉलर था। विदेश भेजी गई एफडीआई अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान 10.7 अरब डॉलर रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.5 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं, बिजली व अन्य ऊर्जा क्षेत्रों, संचार सेवाओं की सकल एफडीआई आवक में हिस्सेदारी करीब दो तिहाई रही है। सिंगापुर, मॉरिशस, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से करीब तीन चौथाई धन आया है।

First Published - November 20, 2024 | 11:17 PM IST

संबंधित पोस्ट