सेवा के निर्यात में तेजी और वस्तुओं का निर्यात कम रहने के कारण गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने शुक्रवार को जारी ताजा अनुमान में 2023 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान 30 आधार अंक बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है। बहरहाल उसने कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए वृद्धि अनुमान पूर्ववत 6.3 फीसदी रखा है।
वैश्विक निवेश बैंकर ने वित्त वर्ष 23 और वित्त वर्ष 24 के लिए भी अपना पहले का अनुमान संशोधित कर 30 आधार अंक और 10 आधार अंक बढ़ाकर क्रमशः 6.9 फीसदी और 6.4 फीसदी कर दिया है।
बैंकर ने कहा है, ‘आगे चलकर हम उम्मीद कर रहे हैं कि सेवा निर्यात में मजबूती बनी रहेगी। साथ ही वस्तुओं का कम निर्यात जारी रहेगा। इससे कैलेंडर वर्ष 23 में शुद्ध निर्यात बढ़ेगा। जबकि वास्तविक निर्यात वृद्धि 4 फीसदी से ऊपर रहेगी और 2023 में आयात में वास्तविक वृद्धि यथावत रहेगी। कुछ इलाकों में सेवा की मांग बढ़ने की संभावना है। सेवा पीएमआई 13 साल के उच्च स्तर 62 पर पहुंच गई है, जबिक घरेलू विमान यात्रियों की संख्या महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गई है। वैश्विक वृद्धि में मंदी के बावजूद सेवा के निर्यात में वृद्धि बनी हुई है।’
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वैश्विक निवेश बैंकर ने यह भी कहा है कि कैलेंडर वर्ष 23 की पहली तिमाही में घरेलू खपत और निवेश मिला जुला है। हालांकि निजी क्षेत्र की निवेश मांग स्थिर बनी हुई है और हाल के महीनों में बड़े उद्योगों के कारण औद्योगिक ऋण वृद्धि सुस्त है। सरकार क्रमिक आधार पर खर्च बढ़ा रही है, इससे पहले की तुलना में स्थिति मजबूत है और जनवरी और फरवरी में खर्च बढ़ा है।