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कौशल और जल शक्ति मंत्रालय ने वित्त वर्ष 26 में बजट का न्यूनतम हिस्सा किया खर्च, रह गए पीछे

वित्त वर्ष 26 में कौशल, जल शक्ति और पेट्रोलियम मंत्रालय ने न्यूनतम खर्च किया, जबकि उपभोक्ता और रेल मंत्रालय ने आधे से अधिक बजट खर्च कर रफ्तार दिखाई

Last Updated- October 12, 2025 | 9:50 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

इस साल अगस्त तक मंत्रालयों द्वारा किया गया कुल खर्च वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान का करीब 37 फीसदी रहा है। अब वित्त मंत्रालय ने 9 अक्टूबर को बजट पूर्व प्रक्रिया के वास्ते अंतर मंत्रालयी परामर्श भी शुरू कर दिया है।

हालांकि, शुरुआती चर्चा वित्त वर्ष 2026 के संशोधित अनुमानों पर केंद्रित हैं, लेकिन मंत्रालय अगले वित्त वर्ष के लिए भी अपने बजट अनुमान के बारे में बताएंगे। सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए 4.4 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने का भरोसा है, भले ही राजस्व संग्रह में अब तक सुस्ती देखी जा रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘आमतौर पर ऐसी बैठकों में सरकार को वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यय की रफ्तार का अंदाजा लग जाता है और इसकी विस्तृत समीक्षा की जाती है, जिसमें आवश्यक पुनर्प्राथमिकता तय करना भी शामिल है।’

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा खर्च करने वाले मंत्रालयों में उपभोक्ता मामले और रेल मंत्रालय का नाम शामिल है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 2.16 लाख करोड़ रुपये और रेल मंत्रालय ने 2.55 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ वित्त वर्ष 2026 के लिए अगस्त तक अपने आवंटन का आधे से अधिक रकम खर्च कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2026 में अप्रैल से अगस्त की अवधि के लिए अपने बजट अनुमान का 55 फीसदी और रेल मंत्रालय ने 52 फीसदी खर्च किया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब यह प्रक्रिया साल के शुरू में ही हो जाती है ताकि खर्च को और भी समान रूप से व्यवस्थित किया जा सके। बजट में निर्धारित राशि से किसी भी बड़े बदलाव के लिए मंत्रालयों को गंभीरता से स्पष्टीकरण देना होगा।’

पेट्रोलियम मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय ने सबसे कम खर्च किया है, जो वित्त वर्ष 2026 के अप्रैल और अगस्त के बीच खर्च की गई राशि का मात्र 3 और 4 फीसदी है। कौशल विकास मंत्रालय भी तीसरा सबसे कम खर्च करने वाला मंत्रालय है, जिसने इसी अवधि में केवल 8 फीसदी खर्च किया है।

वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से कहा है कि वे 2025-26 के बजट अनुमानों (बीई) और 2025-26 के संशोधित अनुमानों (आरई) के बीच प्रमुख भिन्नताओं को स्पष्ट करते हुए संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करें। इसके अलावा, 2025-26 के संशोधित अनुमान और 2026-27 के बजट अनुमानों के बीच उन सभी मामलों में जहां एसबीई में सूचीबद्ध मदों के तहत भिन्नताएं बीई या आरई के 10 फीसदी से अधिक हैं।

First Published - October 12, 2025 | 9:50 PM IST

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