देश में तैयार इस्पात (Steel) की मांग इस साल 2021 की तुलना में आठ फीसदी बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने यह अनुमान लगाया है। इक्रा की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की बुनियादी ढांचा की अगुवाई वाले वृद्धि मॉडल के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह में तैयार इस्पात की मांग दो अंकीय यानी 11.9 फीसदी बढ़ी है।
इक्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में तैयार इस्पात की मांग आठ फीसदी बढ़ेगी। 2022-23 में इसमें 7-8 फीसदी की वृद्धि होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि घरेलू इस्पात कंपनियों के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं है। ऊंची मुद्रास्फीति और ऊर्जा के ऊंचे दाम के साथ ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से बाहरी वातावरण बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
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‘अगली कुछ तिमाहियों के दौरान आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहने की आशंका है। ऐसे में 2023-24 में घरेलू इस्पात की मांग में मामूली छह से सात फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।’ इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख – कॉरपोरेट क्षेत्र रेटिंग्स जयंत रॉय ने कहा कि आगे चलकर विस्तार योजनाओं को पूरा करने के लिए बाहरी वित्त पर निर्भरता बढ़ेगी।