facebookmetapixel
Torrent Power Q2 results: मुनाफा 50% बढ़कर ₹741.55 करोड़, रिन्यूएबल एनर्जी से रेवन्यू बढ़ाFY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तार

संरक्षण का माध्यम बनी जलवायु नीति: अनंत नागेश्वरन

बीएफएसआई समिट में नागेश्वरन ने आर्थिक नीतियों की व्यावहारिकता पर जोर दिया, कहा - भूआर्थिक एकता ने आम लोगों को लाभ नहीं पहुंचाया

Last Updated- November 08, 2024 | 10:25 PM IST
V Anantha Nageswaran

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में अपने मुख्य भाषण में कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं मुक्त व्यापार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बहुत पहले त्याग चुकी हैं और जलवायु नीतियां पहले ही व्यापार संरक्षण का विस्तार बन गई हैं। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देशों को आगामी व्यापार टकरावों को लेकर हड़बड़ी में इनमें शामिल होने की जरूरत नहीं है।

नागेश्वरन ने कहा, ‘विकासशील देशों को प्रतिस्पर्धा, क्षमता, आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को बरकरार रखने और बढ़ती राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन करने की जरूरत है। इन लक्ष्यों में संतुलन स्थापित करने के लिए किसी विशेष आर्थिक नीति के नुस्खे के प्रति वैचारिक प्रतिबद्धता के बजाय व्यावहारिकता की जरूरत है।’

सीईए ने जोर दिया कि भू्आर्थिक एकता ने आम लोगों के लिए बेहतर प्रदर्शन नहीं कियया है। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार सैद्धांतिक रूप से ठीक से काम करता है, लेकिन यह व्यवहार में यह कभी काम नहीं करता।

उन्होंने कहा कि विकास के एक निश्चित स्तर पर पहुंचने के बाद विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने प्रतिबंधात्मक व्यापार नीतियों की वह सीढ़ी हटा दी जिस पर चढ़कर वे वहां तक पहुंचे थे जिससे कि अन्य देश उसका उपयोग करके शीर्ष पर न आ सकें।

अमेरिका में चुनाव परिणामों के असर और विश्व की कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बारे में बात करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि उनका महत्त्व कई दशकों तक नहीं तो कई वर्षों तक महसूस किया जाएगा।

चुनाव परिणामों के बारे में सीईए ने कहा कि यह ऊर्जा की कीमतों के लिए सकारात्मक है जिनके उचित और सस्ता बने रहने की संभावना है। नागेश्वरन ने कहा कि भारत एक मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर है, इसके लिए उसे न केवल विश्वसनीय बल्कि किफायती मूल्य वाली ऊर्जा आपूर्ति की भी जरूरत है।

First Published - November 8, 2024 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट