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WPI: फ्यूल कीमतों में नरमी से महंगाई धड़ाम! जानिए कितनी घटी थोक महंगाई

थोक महंगाई (WPI) उस कीमत को दिखाती है जिस पर कंपनियां एक-दूसरे को सामान बेचती हैं। इससे देश में सामान की सप्लाई और डिमांड का अंदाज़ा मिलता है।

Last Updated- May 14, 2025 | 1:06 PM IST
Wholesale Inflation

अप्रैल 2025 में थोक महंगाई दर गिरकर 0.85% हो गई है। मार्च में ये 2.05% थी। ये जानकारी सरकार ने बुधवार को दी। थोक महंगाई में ये गिरावट पेट्रोल-डीजल, बिजली और कच्चे माल की कीमतें कम होने की वजह से हुई। मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी चीजों की कीमतें ज्यादा नहीं बदलीं। थोक महंगाई (WPI) उस कीमत को दिखाती है जिस पर कंपनियां एक-दूसरे को सामान बेचती हैं। इससे देश में सामान की सप्लाई और डिमांड का अंदाज़ा मिलता है।

खुदरा महंगाई भी 5 साल में सबसे कम

अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई (CPI) 3.16% रही। ये जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। ये आंकड़े सरकार ने मंगलवार को जारी किए। खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से ये राहत मिली है। सब्ज़ी, दाल, फल, मांस, अनाज और पर्सनल केयर की चीजें पहले से सस्ती हुई हैं। तेज गर्मी के बावजूद अच्छी फसल होने से कीमतें काबू में रहीं।

RBI का अनुमान: महंगाई अब काबू में रहेगी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 की अपनी मौद्रिक नीति बैठक में अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में खुदरा महंगाई 4% के आसपास रह सकती है, बशर्ते मानसून सामान्य हो। खास बात यह है कि अप्रैल-जून तिमाही में महंगाई 3.6% रहने का अनुमान है, जो पहले के 4.5% के अनुमान से काफी कम है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तिमाही आधार पर महंगाई के अनुमान भी जारी किए हैं। RBI का कहना है कि अप्रैल से जून की तिमाही में महंगाई दर 3.6% रह सकती है। इसके बाद जुलाई से सितंबर के बीच यह थोड़ी बढ़कर 3.9% होने का अनुमान है। अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में महंगाई फिर से थोड़ी घटकर 3.8% रह सकती है। साल की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2026 के बीच महंगाई दर 4.4% तक जा सकती है। इन अनुमानों के मुताबिक, पूरे साल महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है।

First Published - May 14, 2025 | 12:57 PM IST

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