हाल में घोषित सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं में हिस्सा लेते हुए असेंबलिंग, टेस्टिंग, मार्किंग ऐंड पैकेजिंग (एटीएमपी) कारोबार में मौजूद दुनिया की पांच शीर्ष कंपनियों में से चार ने सरकार के साथ बाहर से मंगाए सेमीकंडक्टर की पैकेजिंग और टेस्ट सेवाओं के लिए विनिर्माण एवं निर्यात हब बनाने को लेकर बातचीत की है।
इन कंपनियों में ताइवान की तीन दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। ये एएसई टेक्नोलॉजी होल्डिंग (राजस्व 11.87 अरब डॉलर), पावरटेक टेक्नोलॉजी इंक (2.17 अरब डॉलर) और एसपीआईएल (2.79 अरब डॉलर) हैं। चौथी कंपनी अमेरिका की एमकोर टेक्नोलॉजी (4.31 अरब डॉलर) है।
एटीएमपी कारोबार का बाजार 30 अरब डॉलर से अधिक का है। एटीएमपी कंपनियां फैब या सेमीकंडक्टर कंपनियों (वे आउटसोर्र्सिंग के जरिये लागत बचाती हैं) और फैबलेस कंपनियों को थर्ड पार्टी आईसी-पैकेजिंग और टेस्ट सेवाएं मुहैया कराती हैं। वे डिवाइसों को बाजार में भेजने से पहले उनकी टेस्टिंग करती हैं। बाजार अनुसंधान के मुताबिक यह कारोबार 2026 तक बढ़कर 44 अरब डॉलर हो जाएगा। वे उत्पादों की आपूर्ति मोबाइल डिवाइस, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, आईओटी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीन जैसी कंपनियों को करती हैं। यह किसी भी देश के लिए अपना फैब संयंत्र स्थापित करने से पहले एक अहम कदम है। फैब प्लांट स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर की जरूरत होती है। भारत एक बड़ा फैब प्लांट स्थापित करने के लिए पहले कई बार कोशिश कर चुका है, मगर ये प्रयास सफल नहीं रहे।
हालांकि भारत में एटीएमपी क्षेत्र में मुश्किल से ही कोई प्रमुख कंपनी नजर आती है। एटीएमपी को वैश्विक स्तर पर बाहर से मंगाए सेमीकंडक्टर को असेंबल और टेस्ट करने के उद्योग के रूप में भी जाना जाता है। इन चार कंपनियों को ईमेल भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
वैश्विक कंपनियों के साथ चर्चा सरकार की एटीएमपी क्षेत्र में मौजूद अग्रणी वैश्विक कंपनियों से जुडऩे की योजना का हिस्सा है ताकि वे उद्योग को मुहैया कराए गए प्रोत्साहनों में हिस्सा ले सकें। इन प्रोत्साहन योजनाओं में निर्यात के लिए उत्पादकता संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा एवं सेमीकंडक्टर्स के लिए प्रोत्साहन योजना (एसपीईसीएस) और संशोधित इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण संकुल योजना आदि शामिल हैं।
पीएलआई योजना के तहत वैश्विक कंपनियों को पांच साल के लिए 4-6 फीसदी प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि उन्हें भारत में अपना परिचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इन कंपनियों को निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा एसपीईसीएस के तहत सरकार उन कंपनियों को पूंजीगत खर्च पर 25 फीसदी प्रोत्साहन मुहैया करा रही है, जो रीइंबर्समेंट आधार पर उत्पादन संयंत्र शुरू करेंगी। उन्हें राज्य सरकार मदद दे रही हैं, जो पूंजी से संबद्ध सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन मुहैया करा रही हैं।
