एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने अप्रैल 2025 की अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि दर का अनुमान घटाकर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत और अन्य देशों पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क से निर्यात को जोखिम है। इसकी वजह से व्यापार और निवेश के प्रवाह में कमी आ सकती है और इससे घरेलू वित्त बाजार में उतार चढ़ाव आ सकता है।’एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण भारत में चल रही निवेश परियोजनाओं के पूरा होने पर भी असर पड़ सकता है।
हालांकि एडीबी ने रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होने से यह जोखिम खत्म हो सकता है, जिस पर बातचीत चल रही है। भारत का अमेरिका को वस्तु निर्यात तुलनात्मक रूप से कम, जीडीपी का 2 प्रतिशत है। एडीबी ने कहा है कि अनुकूल मौद्रिक और राजकोषीय नीति, ग्रामीम इलाकों में आमदनी बढ़ने, महंगाई दर में कमी से भारत की वृद्धि को समर्थन मिल सकता है।
एडीबी के अप्रैल संस्करण की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026-27 में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है। मौसम की प्रतिकूल स्थिति के साथ खाद्य महंगाई दर की चुनौती का समाधान भारत के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। इसके बारे में एडीबी ने कहा है कि यह कृषि परिदृश्य के हिसाब से जोखिम भरा हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग और आपूर्ति के बीच ढांचागत अंतर से खाद्य महंगाई दर बढ़ सकती है, जब तक कि खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने वाली नीतियां लागू नहीं की जाती हैं। उधर मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि नए घोषित शुल्क से वैश्विक व्यापार की गतिशीलता पर असर पड़ सकता है।