जोमैटो को इस साल के अंत तक एमएससीआई और एफटीएसई सूचकांक में शामिल किया सकता है, जबकि निफ्टी या सेंसेक्स में उसका प्रवेश वर्ष 2022 की दूसरी छमाही से पहले चुनौतीपूर्ण रहेगा। स्वतंत्र अनुसंधान प्रदाता स्मार्टकर्मा के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास ने एक नोट में यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि आईपीओ से पहले के लगभग सभी शेयर एक साल तक बंध जाने से, फ्री फ्लोट बहुत कम हो जाएगा और स्टॉक को निफ्टी सूचकांक (सबसे छोटे सूचकांक घटक के बाजार पूंजीकरण में बिना किसी बदलाव के साथ) में शामिल किए जाने के लिए इस शेयर को बढ़कर करीब 328 रुपये प्रति शेयर (76 रुपये के संभावित आईपीओ मूल्य की तुलना में 4.3 गुना) तक पहुंचने की आवश्यकता होगी। हम यथोचित रूप से सुनिश्चित हो सकते हैं कि जोमैटो को सितंबर 2022 के पुनर्संतुलन तक निफ्टी सूचकांक में शामिल नहीं किया जाएगा।
हालांकि जोमैटो में प्रवर्तक शेयर शून्य आंके जाते हैं, लेकिन कुछ वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) और सेक्वॉया कैपिटल इंडिया और मीरे एसेट-नावेर जैसे विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) के शेयरों को छोड़कर, सभी शेयर एक साल तक अवरुद्ध हो जाएंगे। एआईएफ और एफवीसीआई को मिली विशेष छूट उन्हें सूचीबद्धता के तुरंत बाद अपनी शेयरधारिता की बिक्री करने की अनुमति प्रदान करती है। एंकर निवेशकों को आवंटित शेयर आवंटन की तारीख से 30 दिनों की अवधि के लिए अवरुद्ध रहते हैं।
नई सूचीबद्ध कंपनियों को तथाकथित फास्ट एंट्री मार्ग के अंतर्गत एससीआई इंडिया सूचकांक और एमएससीआई ग्लोबल इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्सेज (जीआईएमआई) में शामिल किया जा सकता है, बशर्ते वे बाजार पूंजीकरण के मानदंडों को पूरा कर करती हों।
फ्रीटास ने कहा कि जोमैटो का बाजार पूंजीकरण आईपीओ के दायरे के ऊपरी छोर पर आठ अरब डॉलर होगा और यह बाजार पूंजीकरण की पूरी जरूरत पूरी कर देगी।