Zee Entertainment Fund Raising: घाटे से मुनाफे में लौटी ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) अपने बिजनेस में सुधार के लिए फंड जुटाने जा रही है। Zee Entertainment ने शेयर बाजार को बताया कि बोर्ड ने 2,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए मंजूरी दे दी है।
कंपनी ने कहा कि वह इक्विटी शेयरों के इश्यू, कनवर्टिबल या नॉन कनवर्टिबल सिक्योरिटी के जरिये या अन्य किसी मान्य माध्यमों से रकम जुटा सकती है। इसके लिए वह QIP, प्राइवेट प्लेसमेंट या तरहीजी इश्यू (preferential issue) का भी सहारा ले सकती है। बता दें कि अभी कंपनी को रेगुलेटरी या शेयरहोल्डर्स के अप्रूवल की जरूरत होगी।
ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) की तरफ से यह बयान आने के बाद BSE पर कंपनी के शेयरों में इंट्रा डे ट्रेड के दौरान 7 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया और ये 157.55 के हाई लेवल तक पहुंच गए। हालांकि बाद में इस बढ़त में मामूली गिरावट आई और ज़ी के शेयर 4.76% का उछाल दर्ज करते हुए 154 रुपये पर बंद हुए। आज Zee Entertainment का मार्केट कैप 14,792 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
अगर 1 साल का रिटर्न देखें तो इसके शेयरों में करीब 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, वहीं पिछले तीन महीनों में इसके शेयर करीब 4.5 फीसदी गिरे हैं।
अगर Zee का Sony के साथ मर्जर हुआ होता तो वह भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी होती, क्योंकि Zee-Sony के मर्जर के बाद कंपनी की वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर होती। मगर बात नहीं बनी। मर्जर रद्द होने के बाद से कंपनी ने करीब 15 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर दी है और लागत में अन्य कटौतियां भी कर रही है। 6 मई को ज़ी की तरफ से बताया गया कि Zee Media Corporation ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अभय ओझा को 4 मई की तारीख से बर्खास्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि ZEEL ने हाल ही में सोनी और उसकी भारतीय सब्सिडियरी कंपनियों से 90 मिलियन डॉलर (करीब 750 करोड़ रुपये) टर्मिनेशन फीस की मांग की थी। ज़ी ने शेयर बाजारों को बताया था कि कलवर मैक्स और BEPL ने मर्जर को लेकर हुए समझौते (MCA) की शर्तों का उल्लंघन किया है और इस वजह से Zee ने 23 मई 2024 को एक पत्र जारी कर इस समझौते को खत्म कर दिया है और जुर्माने के तौर पर 90 मिलियन डॉलर की मांग की है। फिलहाल इस मामले को लेकर कोर्ट में कानूनी लड़ाई चल रही है।
विच्च वर्ष 24 की चौथी तिमाही यानी Q4FY24 में ज़ी एंटरटेनमेंट का नेट मुनाफा घाटे से उबरकर 13.35 करोड़ रुपये पर आ गया। मुनाफा बढ़ने की मुख्य वजह विज्ञापन की मांग और लागत में कटौती रही।