होम टेक्सटाइल की वैश्विक दिग्गज और 2.3 अरब डॉलर वाले वेलस्पन समूह की कंपनी वेलस्पन इंडिया लिमिटेड को साल 2026 तक देसी कारोबार दोगुने से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है और यह पिछले साल के 650 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 2,200 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह भारतीय बाजार में बढ़ती मांग और अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन है।
कंपनी अभी अमेरिका में हर पांचवां तौलिया उत्पादित करने का दावा करती है और यूरोप में भी उसकी बाजार हिस्सेदारी अच्छी खासी है। पिछले साल इन इलाकों में आर्थिक मसलों के कारण मांग पर पड़ी चोट से कंपनी पर असर पड़ा है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय करीब 12 फीसदी घटकर 8.215 करोड़ रुपये रह गई, जो 2021-22 में 9,377 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी साल 2026 तक राजस्व में भारतीय कारोबार की हिस्सेदारी 12 से 15 फीसदी पर पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जो अभी करीब 8 फीसदी है।
वेलस्पन इंडिया की मुख्य कार्याधिकारी व प्रबंध निदेशक दीपाली गोयनका ने कहा, पिछले साल पूरी दुनिया मुश्किल से गुजर रही थी। कपास की कीमतें 100 फीसदी बढ़ी और कंटेनर का संकट और माल की आवाजाही में भी अवरोध रहा। अब स्थिति ठीक है और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही से बेहतर होने लगी है।
इस साल पहली व दूसरी तिमाही थोड़ी बेहतर रहेगी। अगर हम अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बात करें तो इसमें 2 फीसदी का विस्तार हुआ है और महंगाई घटकर 5 फीसदी पर आ गई है, जो पिछले 22 महीने का निचला स्तर है। निश्चित तौर पर संकट खत्म हो रहा है।
गोयनका ने कहा, हालांकि अभी कंपनी के लिए भारतीय बाजार शानदार होता दिख रहा है। देसी बाजार में कंपनी ने पिछले साल करीब 30 फीसदी की बढ़त दर्ज की और होम टेक्सटाइल में 550 करोड़ रुपये का कारोबार किया।