Vodafone-Idea (वीआई) के गहराते वित्तीय संकट से बाजार हिस्सेदारी में कमी आने की संभावना है और फर्म अपने वार्षिक 5 अरब डॉलर स्पेक्ट्रम को पूरा करने और वित्त वर्ष 2026 से सरकार को समायोजित सकल राजस्व देय भुगतान भी देने में असमर्थ होगी। सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
वीआई को पिछले कई महीनों से संचालन और वित्त के संकट से गुजरना पड़ रहा है। कंपनी हर महीने अपने ग्राहकों में कमी देख रही है और धन जुटाने में भी असमर्थ होती जा रही है। पिछले 9 महीनों में कंपनी का पूंजीगत खर्च इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी एयरटेल की तुलना में 80 फीसदी कम रहा।
सरकार के लिए ब्याज को इक्विटी में बदलने की योजना भी नहीं बन पाई है। सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फंडिंग में देरी के कारण 5जी के प्रसार में सुस्ती और पूंजीगत खर्च में कमी के कारण कंपनी का मार्केट शेयर घाटा भी तय है। चार साल की ब्याज स्थगन के बावजूद, वीआई का वित्तीय संकट गहरा रहा है और सरकार के लिए ब्याज को इक्विटी में बदलने की प्रक्रिया भी लंबित है।
इसके अलावा, सीएलएसए ने रिपोर्ट में कहा कि यह अनुमान है कि वीआई वित्त वर्ष 2026 से वार्षिक भुगतान में लगभग 5 अरब डॉलर (मौजूदा नकदी प्रवाह का 3.5 गुना) पूरा करने में असमर्थ होगी। वीआई ने सीएलएसए की इस रिपोर्ट का कोई जवाब नहीं दिया।
सितंबर 2021 में सरकार ने दूरसंचार कंपनियों के लिए संशोधित पैकेज का ऐलान किया। इस पैकेज के तहत दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व और बकाया स्पेक्ट्रम (2021 में खरीदे गए एक को छोड़कर) का भुगतान करने के लिए चार वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया।
कंपनियों को यह भी विकल्प दिया गया कि कंपनियां बकाया ब्याज को सरकार के लिए इक्विटी में बदल सकती हैं। पिछली जनवरी में, वीआई ने अपने 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुना। इसके बाद सरकार को वीआई में 33 फीसदी हिस्सेदारी मिल जाएगी। मगर, यह प्रस्ताव अभी तक लंबित है।