अकासा एयर के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी विनय दुबे ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में हवाई किराया दुनिया में अभी भी सबसे सस्ता बना हुआ है, जिससे भारतीय विमानन कंपनियों को इसे बढ़ाने की गुंजाइश दिख रही है, हालांकि उपभोक्ताओं के लिए इसे किफायती बनाए रखना भी जरूरी होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अकासा एयर ने इंडिगो के नक्शेकदम पर चलने की योजना बनाई है, तो उन्होंने कहा, ‘फिलहाल नहीं। क्या हमारे पास 8-10 ग्राहकों के लिए एक विशेष प्रकार की सीट होगी? नहीं।’ इंडिगो ने हाल में घोषणा की थी कि वह अपने विमानों में बिजनेस क्लास की पेशकश करेगी।
इसके अलावा, उन्होंने एयरलाइनों को केवल ‘लो-कोस्ट’ या ‘फुल-सर्विस’ के रूप में परिभाषित करने को भी चुनौती दी।
‘फुल-सर्विस’ एयरलाइन आम तौर पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन के अलावा कई तरह की सुविधाएं और सेवाएं भी मुहैया कराती है। इनमें उड़ान के दौरान मुफ्त भोजन और नाश्ता, बिजनेस या फर्स्ट क्लास सहित सीट विकल्पों का व्यापक विकल्प, ज्यादा लेगरूम, विमान में मनोरंजन की व्यवस्था और कभी-कभी कंबल, तकिए और टॉयलेटरी किट जैसी सुविधाएं भी शामिल हो सकती हैं।
अगस्त 2022 में अपनी पहली व्यावसायिक उड़ान शुरू करने वाली अकासा एयर ने जनवरी में अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग से 150 बी737 मैक्स विमान लेने का समझौता किया था। इसके साथ ही बोइंग को एयरलाइन से 226 मैक्स विमान आपूर्ति का ऑर्डर मिला है। 226 में से 25 विमानों की आपूर्ति बोइंग द्वारा की जा चुकी है। वित्त वर्ष 2022-23 में एयरलाइन को 19 विमान मिले, जिसके बाद 2023-24 में पांच विमान प्राप्त हुए। विमानन कंसल्टेंसी फर्म कापा इंडिया के अनुसार, अकासा एयर को 2024-25 में बोइंग से 6 विमान मिलने हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि आप दुनिया में हवाई किराये को देखें तो भारत में अभी भी यह कम है। हमारे यहां हवाई किराया बढ़ाने की काफी संभावना है, हालांकि इसे भारतीय उपभोक्ता के लिए किफायती भी बनाए रखना होगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि अकासा एयर को भरपाई की स्थिति में पहुंचने में कुछ वक्त लगेगा।