facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

Vedanta ने ₹17,000 करोड़ की बोली लगाकर जयप्रकाश एसोसिएट्स पर अधिग्रहण की दौड़ में अदाणी को पछाड़ा

वेदांत समूह ने 17,000 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगाकर जयप्रकाश एसोसिएट्स अधिग्रहण में अदाणी को पछाड़ा, सौदे से सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार में नई पहचान मिलेगी

Last Updated- September 05, 2025 | 10:44 PM IST
Vedanta
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाले वेदांत समूह ने दिवालिया कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के अधिग्रहण की दौड़ में सबसे अ​धिक बोली लगाकर अदाणी समूह को पछाड़ दिया है। इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि ऋणदाताओं की ओर से आज आयोजित नीलामी में वेदांत समूह ने 17,000 करोड़ रुपये की पेशकश की।

मामले से अवगत लोगों ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह बोली 12,505 करोड़ रुपये के शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी)के साथ इस संकटग्रस्त कंपनी के लिए अब तक की सबसे बड़ी समाधान योजना है। जयप्रकाश के ऋणदाताओं ने 59,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावे किए हैं। मगर उन्हें वेदांत की समाधान योजना के तहत करीब 71 फीसदी की कटौती करनी पड़ेगी।

नीलामी में वेदांत और अदाणी ने ही सक्रिय तौर पर भाग लिया। इस प्रक्रिया के लिए डालमिया भारत ग्रुप, जिंदल पावर लिमिटेड और पीएनसी इन्फ्राटेक लिमिटेड जैसे दावेदारों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था। मगर इन कंपनियों ने अंतिम दौर में बोली जमा नहीं करने का विकल्प चुना जिसकी शुरुआत 12,000 करोड़ रुपये के साथ हुई थी। जानकारों ने बताया कि बाद की बोलियां ईमेल के जरिये प्रस्तुत की गईं।

Also Read: IFCI ने ACCIL के 869 करोड़ रुपये के बैड लोन बेचने की तैयारी की, ₹50 करोड़ की एंकर बोली मिली

वेदांत समूह और अदाणी समूह को इस संबंध में जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

जहां तक वेदांत का सवाल है तो जयप्रकाश एसोसिएट्स का अधिग्रहण उसके लिए सीमेंट एवं बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में उतरने के लिए अवसर प्रस्तुत करता है। फिलहाल इन क्षेत्रों  में वेदांत समूह की मौजूदगी नहीं है। वेदांत समूह अपने धातुओं, इस्पात, खनन और तेल एवं गैस कारोबार के लिए जाना जाता है। मगर वेदांत लिमिटेड को पांच अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में पुन​र्गठित करने की तैयारी चल रही है। इससे शेयरधारकों को मूल्यांकन की सही तस्वीर मिल पाएगी। मगर अदालत में इस प्रस्ताव को सरकार के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

जयप्रकाश के अ​धिग्रहण से वेदांत के पोर्टफोलियो में जेपी ग्रीन्स, विश टाउन और जेवर हवाई अड्डे के समीप इंटरनैशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख संपत्तियां जुड़ जाएंगी। इसके अलावा इस सौदे से वेदांत को सीमेंट उद्योग में भी मजबूत स्थिति हासिल होगी। सीमेंट क्षेत्र अल्ट्राटेक, अदाणी और श्री सीमेंट के आक्रामक विस्तार के साथ तेजी से सुदृढ़ हो रहा है।

 

अधिग्रहण की प्रक्रिया में अभी काफी समय लगेगा। लेनदारों की समिति ने बोलीदाताओं को यह आश्वस्त करने के लिए कहा है कि अगर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स के भूमि विवाद में फैसला कंपनी के पक्ष में रहता है तो उन्हें अतिरिक्त भुगतान करना होगा। 

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स के भूमि विवाद का मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मार्च में परियोजना के लिए भूमि आवंटन रद्द करने के यीडा के फैसले को बरकरार रखा था। फिलहाल ग्रेटर नोएडा में जयप्रकाश की 1,000 हेक्टेयर की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़े कानूनी लड़ाई का मामला सर्वोच्च न्यायालय में है।

Also Read: SpiceJet को जून तिमाही में ₹236.6 करोड़ का घाटा, एयर इंडिया हादसे और हवाई क्षेत्र बंदी का असर

उधर, सुरक्षा ग्रुप के स्वामित्व वाली जयप्रकाश इन्फ्राटेक लिमिटेड ने लेनदारों द्वारा अपनी पिछली बोली को अस्वीकार करने के खिलाफ नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का रुख किया है। उसका कहना है कि इस प्रक्रिया में बयाना रकम की आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया गया। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को है। अदाणी और डालमिया भारत ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से अपनी प्रस्तावित समाधान योजनाओं के लिए मंजूरी पहले ही हासिल कर ली थी। मगर वेदांत ने प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी के लिए फिलहाल आवेदन नहीं किया है।

First Published - September 5, 2025 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट