मुंबई हवाई अड्डे पर बम की धमकी के बाद इंडिगो की दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी हुई और एयर इंडिया की एक उड़ान का मार्ग परिवर्तन कर दिया गया। हालांकि, बाद में यह अफवाह साबित हुई। एयर इंडिया की मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली उड़ान को दिल्ली भेजा गया। वहीं इंडिगो की जेद्दाह जाने वाली उड़ान 11 घंटे और मस्कट जाने वाली उड़ान 7 घंटे की देरी हुई।
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान संख्या एआई-119 को विशेष सुरक्षा चेतावनी मिली और सरकार की सुरक्षा नियामक समिति के निर्देश पर विमान का मार्ग परिवर्तित कर उसे दिल्ली भेजा गया।
उन्होंने कहा, ‘हम यह पुष्टि कर रहे हैं कि विमान के सभी 239 यात्री और 19 क्रू सदस्यों को सुरक्षित तरीके से उतार लिया गया है और फिलहाल सभी सुरक्षा प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। यात्रियों के लिए नाश्ता आदि का इंतजाम किया गया है और हमारे सभी कर्मचारी अप्रत्याशित व्यवधान के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा दूर करने के लिए कार्य कर रहे हैं।’
सुरक्षा ‘प्रोटोकॉल’ पूरा होने के बाद यात्रियों को होटलों में ले जाया गया। उड़ान का समय पुनर्निर्धारित कर दिया गया है और अब यह मंगलवार को सुबह दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए रवाना होगी।
मुंबई से जेद्दा जाने वाली इंडिगो की उड़ान संख्या 6ई 57 में भी बम होने की धमकी मिली थी। इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रोटोकॉल के तहत विमान को सुरक्षा जांच के लिए एक अलग स्थान पर ले जाया गया। यात्रियों की सहायता की गई और उन्हें जलपान कराया गया और उन्हें हुई इस असुविधा के लिए हमें खेद है।’ हालांकि, करीब 11 घंटे की देरी के बाद यह उड़ान दोपहर 1.15 बजे मुंबई हवाई अड्डे से रवाना हो सकी।
मुंबई से ही मस्कट जाने वाली इंडिगो की उड़ान संख्या 6ई 1275 पर भी बम होने की धमकी मिली थी। बाद में इस विमान को भी अन्यत्र स्थान पर ले जाया गया और वहां उसकी जांच की गई है। आखिरकार, सात घंटे की देरी के बाद सुबह 9.15 बजे यह रवाना हुई।
विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘बम होने की अफवाहों के कारण आजकल उड़ानों के संचालन में अड़चन आ रही है। इससे उड़ान में देरी, इसके रद्द होने की संख्या बढ़ रही है और सुरक्षा उपाय भी बढ़ाए जा रहे हैं। इन फर्जी खबरों से न केवल यात्रियों की परेशानी होती है बल्कि विमानन कंपनियों और हवाई अड्डों के लिए परिचालन भी महंगा हो जाता है।’
एक अन्य विमानन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की धमकी मिलने के बाद लिए पूरी तरह से सुरक्षा जांच, उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ता है या फिर विमान को दूसरे स्थान पर ले जाकर उसकी जांच करनी पड़ी है, जिसमें यात्रियों को बाहर निकालना पड़ता है। इस शेड्यूल प्रभावित होता है और अन्य उड़ानों पर भी इसका असर देखने को मिलता है।