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आयकर नोटिसों से स्टार्टअप जगत में नजर आ रही चिंता

IT notice to startups: फिनटेक उद्योग के अधिकारियों के अनुसार जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, उनसे उन निवेशकों की साख के बारे में पूछा जा रहा है, जिन्होंने पैसा लगाया है।

Last Updated- April 04, 2024 | 11:32 PM IST
Income Tax

हाल में कई स्टार्टअप, खास तौर पर फिनटेक उद्योग से जुड़ी स्टार्टअप कंपनियों को आयकर नोटिस मिले हैं। इन पर उद्योग के अधिकारियों और निवेशकों ने कहा कि ये कंपनी हलकों में चिंता पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई पीछे ले जाने वाली है तथा इससे स्टार्टअप परिचालन और निवेशकों के विश्वास के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा होती हैं।

ये नोटिस आयकर अधिनियम की धारा 68 के तहत जारी किए गए थे। सूत्रों के अनुसार कर की गणना के लिए उन्होंने राजस्व के साथ-साथ स्टार्टअप में किए गए निवेश को भी जोड़ दिया है। फिनटेक उद्योग के अधिकारियों के अनुसार जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, उनसे उन निवेशकों की साख के बारे में पूछा जा रहा है, जिन्होंने पैसा लगाया है।

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि इनमें से कई स्टार्टअप के मूल्यांकन को लेकर चिंता की एक और बात है, जिसके लिए विशेष प्रीमियम की गणना की गई है। सूत्र ने कहा कि ये आयकर नोटिस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24)खत्म होने से कुछ ही सप्ताह पहले दिए गए थे। ये नोटिस वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 23 से संबंधित थे।

कंपनियों को तीन या चार दिन के नोटिस पर निवेशकों के बारे में विवरण देने को कहा गया था। सूत्र ने कहा ‘लोगों को यह भी लगा कि चूंकि आयकर विभाग के पास इन निवेशकों के पैन का विवरण है तो उसने सीधे उनसे जानकारी क्यों नहीं मांगी?’ इस बीच जानकार लोगों ने कहा कि संस्थागत निवेशक तथा बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में निवेश करने वाले भी इस कदम से प्रभावित हुए हैं।

सूत्र ने कहा ‘निवेशक जानकारी साझा करने से कतराते हैं, क्योंकि वे विवरण साझा करने के लिए बाध्य नहीं हैं। इस कारण हो सकता है कि इन कंपनियों के पास मांगी गई इस जानकारी में से कुछ तक तत्काल पहुंच न हो।’ फिनटेक उद्योग के एक भागीदार ने कहा कि कंपनियों को अधिकारियों की कार्रवाई के मूल कारण का पता लगाना होगा।

First Published - April 4, 2024 | 11:32 PM IST

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