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कम होगी iPhone की कीमत ! भारतीय कंपनियां बनाएंगी Apple के मेन पार्ट्स

फिलहाल Apple के तीन विक्रेताओं द्वारा असेंबल किए गए विभिन्न iPhone में घरेलू वैल्यू एडिशन रहता है 12 से 15 फीसदी

Last Updated- April 19, 2023 | 10:59 PM IST
Apple iphone
BS

Apple भारत में अपने आपूर्तिकर्ताओं के जरिये दो मेन पार्ट्स की असेंबलिंग से अपने iPhone में स्थानीयकरण (loc­alisation) को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इनमें से एक है एनक्लॉजर या केसिंग (enclosure or casing), जो फोन को रखता है। इसके लिए Apple टाटा (TATA) के साथ काम कर रही है। दूसरा है कैमरा मॉड्यूल, जिसे चीन की कंपनी सनी ओपोटेक (Sunny Opotech) असेंबल करेगी।

सरकार के साथ साझा किए गए वितरक आंकड़ों के आधार पर फिलहाल Apple के तीन विक्रेताओं – फॉक्सकॉन (Foxconn), पेगाट्रॉन (Pegatron) और विस्ट्रॉन (Wistron) द्वारा असेंबल किए गए विभिन्न iPhones में घरेलू वैल्यू एडिशन 12 से 15 फीसदी है। हालांकि इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि जब ये दो मेन पार्ट्स भारतीय प्लाटों से आने लगेंगे, तो यह वैल्यू एडिशन 27 से 30 फीसदी तक पहुंच जाएगा।

सरकार को उम्मीद है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत सभी पात्र कंपनियां (जिसमें Apple के तीन विक्रेता भी शामिल हैं) वित्त वर्ष 26 तक, जो PLI योजना का अंतिम वर्ष है, यह घरेलू वैल्यू एडिशन 40 फीसदी तक पहुंच जाएगा। Apple के प्रवक्ता ने सवालों का जवाब नहीं दिया।

सनी ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी की सहायक कंपनी सनी ओपोटेक ने हाल ही में घोषणा की है कि वह Apple iPhone और अन्य उत्पादों के लिए कैमरा मॉड्यूल बनाने के लिए 30 करोड़ डॉलर का निवेश कर रही है। यह उन 14 चीनी कंपनियों में से एक है, जिन्हें देश में संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITy) द्वारा शुरुआती मंजूरी दी गई है, बशर्ते वह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के तहत सरकार के पास आवेदन करे।

TATA भी तमिलनाडु के अपने होसुर प्लांट में यांत्रिक पुर्जे विकसित करने के लिए Apple के साथ मिलकर काम कर रही है। यह पहली ऐसी भारतीय फर्म है, जो Apple की ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा है। टाटा विस्ट्रॉन में हिस्सेदारी लेने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं। सरकार का स्थानीयकरण का लक्ष्य 40 फीसदी है। यह कमोबेश चीन के अनुरूप, जहां यह पहले ही इस स्तर पर है और कुछ मॉडल के मामलों में तो यह 50 फीसदी तक है। वियतनाम में घरेलू वैल्यू एडिशन तकरीबन 28 से 30 फीसदी बैठता है।

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इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुमानों के आधार पर वित्त वर्ष 23 में मोबाइल फोन निर्यात 11 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष से दोगुना है। अलबत्ता इसी अवधि के दौरान फोन बनाने के लिए पार्ट्स का आयात करीब 30 अरब डॉलर रहा। घरेलू और निर्यात दोनों ​ही मामलों में कुल फोन उत्पादन 44 अरब डॉलर था।

Apple के मामले में, निर्यात और घरेलू दोनों के लिए ही भारत में असेंबल किए गए फोन का कुल फ्री ऑन बोर्ड (FOB) मूल्य करीब 60,000 करोड़ रुपये था, जिसमें से निर्यात का हिस्सा 40,000 करोड़ रुपये रहा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से समर्थित ICRIER और ICEA द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने मोबाइल उपकरण की असेंबली में वृद्धि की तलाश में चीन और वियतनाम से अलग रणनीति अपनाई है।

First Published - April 19, 2023 | 7:17 PM IST

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