कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India) ने विविधीकरण की रणनीति के तहत घरेलू व विदेशी दोनों स्तरों पर महत्त्वपूर्ण खनिज तक पहुंच हासिल करने की कवायद तेज कर दी है। सरकारी खनन कंपनी दो ग्रेफाइट ब्लॉको के लिए पहले ही तरजीही बोलीदाता के रूप में उभरी है। अब कंपनी खनन मंत्राल की छठे चरण की महत्त्वपूर्ण खनिज की बोली में भाग लेने की तैयारी में है।
कंपनी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘महत्त्वपूर्ण खनिज की क्षमता वाले ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली सहित अन्य इलाकों के खनिज समृद्ध देशों की तलाश की जा रही है।’ कंपनी घरेलू नीलामी के मौजूदा दौर में भाग लेने की योजना बना रही है। कंपनी ने कहा, ‘कोल इंडिया आगामी किसी भी महत्त्वपूर्ण खनिज नीलामी में भाग लेगा। कंपनी देश के स्वच्छ ऊर्जा की ओर परिवर्तन और महत्त्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए साझेदारों की खोज कर रही है।’
लीथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, निकल और दुर्लभ धातुओं के लिए सीआईएल की नजर विदेशी खदानों पर है। इनका इस्तेमाल स्वच्छ ईंधन तकनीकों, इलेक्ट्रिक वाहनों और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स में होता है। कंपनी ने कहा कि इस पर कई स्तर पर काम चल रहा है।
कंपनी ने कहा, ‘इस तरह की चर्चा और मूल्यांकन को नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (एनडीए) के तहत संरक्षण मिला हुआ है, जिससे गोपनीयता बरकरार रखी जा सके।’
कोल इंडिया को दो घरेलू ग्रेफाइट ब्लॉकों- मध्य प्रदेश में खट्टाली छोटी ग्रेफाइट ब्लॉक और छत्तीसगढ़ में ओरंगा-रेवतीपुर ग्रेफाइट ऐंड वैनेडियम ब्लॉक के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है। केंद्र ने अब तक 5 चरणों में 34 महत्त्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है, जबकि छठे चरण में 23 ब्लॉकों को पेशकश की गई है।
इस समय महत्त्वपूर्ण खनिज की तलाश तेज हो गई है क्योंकि विभिन्न देश चीन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं, जिसका इन खनिजों के उत्पादन और प्रसंस्करण में दबदबा है। हाल में चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर रोक लगा दी है। मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से भारत महत्त्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति मजबूत करने को इच्छुक है।