मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो फाइनैंशियल सर्विसेज अपनी लीजिंग इकाई के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की रिटेल इकाई रिलायंस रिटेल से 36,000 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरण और डिवाइस खरीदना चाहती है। इसके लिए वह शेयरधारकों से मंजूरी लेने की तैयारी में है।
जियो लीजिंग सर्विसेज उपकरण पट्टे पर देने के कारोबार में उतरने की योजना बना रही है। यह जियो फाइनैंशियल के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। उपकरणों का उपयोग ब्रॉडबैंड वायरलेस कनेक्टिविटी और अन्य सेवाओं में किया जाएगा।
जियो फाइनैंशियल सर्विसेज ने शेयरधारकों को डाक मतपत्र नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है, ‘जियो लीजिंग सर्विसेज डिवाइस-एज-ए-सर्विस मॉडल के तहत उपकरण पट्टे पर देने के कारोबार में उतर रही है। यह नई तरह का सेवा मॉडल है, जिसमें कंपनी या व्यक्ति कुछ वस्तुएं और उनसे जुड़ी सेवाएं पट्टे पर देते हैं, जिससे नए उपकरण नहीं खरीदने पड़ते।’ डिवाइस-एज-ए-सर्विस में उपकरण लगाने के साथ रखरखाव, मदद तथा कई बार अपडेट जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी शामिल होती हैं।
रिलायंस रिटेल आरआईएल की सहायक इकाई है। रिलायंस रिटेल के 100 फीसदी स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स में आरआईएल की 83.56 फीसदी हिस्सेदारी है। रिलायंस रिटेल डिवाइस और संबंधित उपकरण के कारोबार से जुड़ी है।
जियो लीजिंग सर्विसेज रिलायंस रिटेल से ग्राहकों के परिसर में लगने वाले उपकरण और दूरसंचार उपकरण खरीदेगी। रिलायंस लीजिंग सर्विसेज रिलायंस जियो इन्फोकॉम के ग्राहकों को दूरसंचार उपरकण एवं अन्य उपकरण पट्टे पर देगी।
यह सौदे में लागत के साथ मार्जिन भी रहेगा और यह लगातार चलता रहेगा। कंपनी ने शेयरधारकों से वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के लिए इसकी मंजूरी मांगी है। इस सौदे की कुल लागत करीब 36,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
शेयरधारकों को भेजे गए नोटिस के अनुसार दोनों वित्त वर्षों में कितनी खरीद की जाएगी, यह सेवाओं की मांग और ब्रॉडबैंड वायरलेस उपकरण लगाने की रफ्तार पर निर्भर करेगा।
अगर किसी वित्त वर्ष में संबंधित पक्ष के साथ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का सौदा होता है या वह कंपनी के कुल सालाना कारोबार के 10 फीसदी से ज्यादा बैठता है तो सूचीबद्ध कंपनियों को शेयरधारकों की मंजूरी लेनी पड़ती है। वित्त वर्ष 2023 में जियो लीजिंग सर्विसेज का कुल कारोबार 41.63 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 1,853.38 करोड़ रुपये हो गया।
रिलायंस रिटेल ग्राहकों के परिसरों में लगने वाले उपकरण, उद्यमों से जुड़े उपकरण तथा अन्य दूरसंचार उपकरणों का कारोबार करती है। बड़ी मात्रा में खरीदने के कारण कंपनी काफी किफायती दाम पर इन्हें खरीद लेती है। जियो लीजिंग सर्विसेज को ये उपकरण वह कीमत के साथ मार्जिन जोड़कर देगी। जियो फाइनैंशियल सर्विसेज मुख्य रूप से चार तरह के कारोबार – ऋण एवं पट्टा, भुगतान, सुरक्षा एवं निवेश से जुड़ी है। ऋण एवं पट्टा कारोबार के तहत कंपनी की योजना आवास ऋण, प्रॉपर्टी के बदले कर्ज और म्युचुअल फंडों के बदले कर्ज के मैदान में उतरने की है।