facebookmetapixel
‘लॉयल्टी’ बन रही भारत के डिजिटल पेमेंट की नई करेंसी, हर 5 में से 1 लेनदेन का जरिया बनीFY26 में 6.8% से ज्यादा रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ: BFSI समिट में बोले सीईए अनंत नागेश्वरनवैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की रफ्तार 6.8% पर नहीं रुकेगी: RBI डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ताCoal India Q2FY26 Result: मुनाफा 32% घटकर ₹4,263 करोड़ रह गया, ₹10.25 के डिविडेंड का किया ऐलानLenskart IPO: चीन के सस्ते माल को चुनौती देने वाली भारतीय कंपनीAdani Group: 14% तक उछले अदाणी ग्रुप के शेयर! क्या फिर लौट आया वो सुनहरा दौर?Suzlon: मैनेजमेंट में बदलाव से शेयर का मूड सुधरा, 4% से ज्यादा उछला; 15 दिसंबर को नए CFO संभालेंगे कमानकभी 11% थी महंगाई, अब सिर्फ 4%! अर्थशास्त्रियों ने बताई 10 साल की सबसे बड़ी सफलता की कहानीकैपिटल मार्केट और बैंक ही देंगे अर्थव्यवस्था को नई उड़ान: BFSI समिट में बोले KV KamathSBI की दो बड़ी कंपनियां होंगी शेयर बाजार में लिस्ट, समय अभी तय नहीं: चेयरपर्सन सेट्टी

टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि…हाई बैंड स्पेक्ट्रम खोलना 5G के लिए नाकाफी

घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को लक्ष्य करने के लिहाज से 24 गीगाहर्ट्ज से ऊंची एमएमवेव या स्पेक्ट्रम बैंड मूल्यवान संसाधन होता है।

Last Updated- April 19, 2024 | 11:39 PM IST
टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि...हाई बैंड स्पेक्ट्रम खोलना 5G के लिए नाकाफी, Opening up several high band spectrum not enough for 5G, say telcos

दूरसंचार कंपनियों के अधिकारियों ने कई 5जी हाई-बैंड या मिलीमीटर वेव (एमएमवेव) स्पेक्ट्रम खोलने पर परामर्श शुरू करने के भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के फैसले पर अपना रुख स्पष्ट किया है। उनका कहना है कि इससे मिड बैंड और खास तौर पर 6 गीगाहर्ट्ज में 5जी स्पेक्ट्रम की कमी की भरपाई नहीं हो पाएगी।

4 अप्रैल को ट्राई ने मोबाइल टेलीफोनी के लिए 37 से 37.5 गीगाहर्ट्ज, 37.5 से 40 गीगाहर्ट्ज और 42.5 से 43.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी की संभावना पर परामर्श पत्र जारी किया था।

रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एमएमवेव पर ध्यान देने से मिड-बैंड और विशेष रूप से 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में कम से कम 2 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को मुक्त किए जाने की बातचीत का रुख बदल जाएगा। फिलहाल केवल ये दोनों दूरसंचार सेवा प्रदाता ही भारत में 5जी सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को लक्ष्य करने के लिहाज से 24 गीगाहर्ट्ज से ऊंची एमएमवेव या स्पेक्ट्रम बैंड मूल्यवान संसाधन होता है। हाई बैंड सेवा प्रदाताओं को असाधारण शीर्ष दरों, कम विलंबता तथा अ​धिक क्षमता की पेशकश का अवसर प्रदान करता है। अलबत्ता मध्य और निम्न-बैंड वाले सिग्नलों की तरह तक दूर तक जाने में सक्षम नहीं होने के कारण एमएमवेव की क्षमता सीमित रहती है।

आम तौर पर ये सिग्नल एक मील से भी कम दूरी तय करते हैं तथा पेड़ों, इमारतों और यहां तक कि शीशे जैसी वस्तुओं के व्यवधान के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। लेकिन मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम का फायदा यह होता है कि अगर सिग्नल बाधा रहित हो तो उपयोगकर्ता एक जीबीपीएस से लेकर तीन जीबीपीएस या इससे भी अधिक कनेक्शन की रफ्तार हासिल कर सकते हैं।

First Published - April 19, 2024 | 10:55 PM IST

संबंधित पोस्ट