टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने 43 अरब डॉलर के मूल्य के साथ सर्वाधिक मूल्यवान भारतीय ब्रांड के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। कैंटार की ब्रांड्ज इंडिया रैंकिंग के अनुसार देश के शीर्ष 75 ब्रांडों का साझा ब्रांड मूल्य 379 अरब डॉलर है जो वर्ष 2022 की तुलना में 4 फीसदी कम है।
बहरहाल, भारतीय ब्रांड अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में मजबूत बने रहे। वैश्विक ब्रांडों का मूल्य बीते एक वर्ष में 20 फीसदी गिरा है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक अस्थिरता के माहौल के कारण ब्रांड मूल्यों में गिरावट आई है। खासतौर पर बिजनेस टेक्नॉलजी और सर्विसेज प्लेटफॉर्म जैसी श्रेणियों में काम करने वाले ब्रांडों का मूल्य कम हुआ है।
कैंटार ने ब्रांड्ज टॉप 75 मोस्ट वैल्यूएबल ब्रांड्स रिपोर्ट के दसवें संस्करण में कहा, ‘इन भारतीय ब्रांडों की वैश्विक बाजारों में महत्त्वपूर्ण मौजूदगी है और इसलिए वैश्विक दबावों, मंदी के खतरे और भूराजनीतिक अस्थिरता ने इन्हें भी प्रभावित किया है।’
टीसीएस के अलावा एचडीएफसी बैंक 33.6 अरब डॉलर, इन्फोसिस 24 अरब डॉलर और एयरटेल 22. अरब डॉलर के मूल्यांकन साथ शीर्ष चार स्थानों पर रहे। भारतीय स्टेट बैंक ने एक स्थान का सुधार किया और 14.48 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
इस बीच 8.4 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ एलआईसी 2022 के सातवें स्थान से फिसलकर इस बार 11वें स्थान पर रहा। कैंटार के दक्षिण एशिया इनसाइट डिवीजन की मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ क्लाइंट ऑफिसर सौम्या मोहंती ने कहा, ‘भारत के शीर्ष 75 ब्रांडों में बहुत विविधता है। उसमें स्थापित नाम भी हैं और एकदम नए ब्रांड भी। इनकी स्थानीय पहचान भी है और वैश्विक छाप भी। इनमें एक बात समान है और वह है इनकी भारतीयता।’