facebookmetapixel
Gold Outlook: थम सकती है सोने की तेजी, फेडरल रिजर्व के नीति फैसले पर निवेशकों की नजर5 साल में 1224% का रिटर्न देने वाली कंपनी ने किया 120% डिविडेंड देने का ऐलान, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेपरिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कैसे बना सकते हैं? रॉबर्ट कियोसाकी की इन तीन सलाह में छुपा है सारा राजInfra funds: सरकारी खर्च के बावजूद घाटे में रह गए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स, निवेश करें या दूर रहें? जानें एक्सपर्ट्स की रायEarthquake: असम-पूर्वोत्तर में 5.9 तीव्रता का भूकंप, गुवाहाटी में मची अफरा-तफरी; लोग घरों से बाहर निकलेसिर्फ एक फंड से टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अदाणी तक के शेयरों में करें निवेश, जानें कैसे काम करते हैं कांग्लोमरेट फंडPM मोदी ने असम में ₹18,530 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, बायोएथेनॉल, पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का किया शुभारंभTata Capital ला रहा ₹17,000 करोड़ का बड़ा IPO, IFC की हिस्सेदारी बेचकर कमाएगा 13 गुना मुनाफाशेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

टाटा स्टील करेगी 8,000 करोड़ रुपये निवेश

Last Updated- December 12, 2022 | 1:31 AM IST

टाटा स्टील चालू वित्त वर्ष में अपने भारतीय परिचालन पर 8,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च करेगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी। नरेंद्रन ने कहा कि यह राशि मुख्य रूप से कलिंगनगर संयंत्र के विस्तार तथा खनन परिचालन और रीसाइक्लिंग) कारोबार के विस्तार पर खर्च की जाएगी। उनसे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए टाटा स्टील की भारतीय कारोबार की योजनाओं के बारे में पूछा गया था। 
उन्होंने कहा कि यह राशि यूरोपीय परिचालन पर किए जाने वाले 3,000 करोड़ रुपये के निवेश के अतिरिक्त होगी। सीईओ ने कहा, व्यापक रूप से भारत के लिए हमारा निवेश 8,000 करोड़ रुपये रहेगा। नरेंद्रन ने कहा कि इसमें से अच्छी-खासी राशि कलिंगनगर के विस्तार पर खर्च की जाएगी। हम अपने कच्चे माल पर खर्च को भी बढ़ाएंगे क्योंकि कलिंगनगर के विस्तार को समर्थन के लिए हम अपनी लौह अयस्क खनन क्षमता का विस्तार जारी रखेंगे। ऐसे में कलिंगनगर और कच्चे माल पर हमारा खर्च 8,000 करोड़ रुपये रहेगा।

टाटा स्टील अपने ओडिशा के कलिंगनगर संयंत्र की क्षमता को 50 लाख टन सालाना बढ़ाकर 80 लाख टन सालाना करने जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या टाटा स्टील रीसाइक्लिंग कारोबार के लिए बाजार संभावनाएं तलाशेगी और 8,000 करोड़ रुपये में से कुछ इसमें लगाएगी, नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी कबाड़ या स्क्रैप में अलग कारोबारी मॉडल अपनाती है। 
उन्होंने कहा, हमें जो भी खर्च करने की जरूरत है, वह इसमें होगा। लेकिन स्क्रैप में हमारे परिचालन का अलग मॉडल है। भागीदार सुविधाओं की स्थापना करेंगे। वे स्थापना करेंगे, हम गुणवत्ता का प्रबंधन करेंगे और इस्पात बेचेंगे। नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है, क्योंकि वहां अधिक स्क्रैप उपलब्ध है।

First Published - August 30, 2021 | 12:11 AM IST

संबंधित पोस्ट