facebookmetapixel
Gold Outlook: थम सकती है सोने की तेजी, फेडरल रिजर्व के नीति फैसले पर निवेशकों की नजर5 साल में 1224% का रिटर्न देने वाली कंपनी ने किया 120% डिविडेंड देने का ऐलान, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेपरिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कैसे बना सकते हैं? रॉबर्ट कियोसाकी की इन तीन सलाह में छुपा है सारा राजInfra funds: सरकारी खर्च के बावजूद घाटे में रह गए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स, निवेश करें या दूर रहें? जानें एक्सपर्ट्स की रायEarthquake: असम-पूर्वोत्तर में 5.9 तीव्रता का भूकंप, गुवाहाटी में मची अफरा-तफरी; लोग घरों से बाहर निकलेसिर्फ एक फंड से टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अदाणी तक के शेयरों में करें निवेश, जानें कैसे काम करते हैं कांग्लोमरेट फंडPM मोदी ने असम में ₹18,530 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, बायोएथेनॉल, पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का किया शुभारंभTata Capital ला रहा ₹17,000 करोड़ का बड़ा IPO, IFC की हिस्सेदारी बेचकर कमाएगा 13 गुना मुनाफाशेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा पिछली बार 2021 में 49% से बढ़ाकर 74% की गई थी।

Last Updated- September 14, 2025 | 3:27 PM IST
Insurance

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीमा सेक्टर में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने वाला बीमा संशोधन विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के आखिर में शुरू होकर क्रिसमस से पहले समाप्त होता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या बीमा सेक्टर में एफडीआई को और उदार बनाने वाला विधेयक आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है।’’

क्या इंश्योरेंस सेक्टर में बढ़ेगी FDI की सीमा?

वित्त मंत्री ने इस साल के बजट भाषण में, नई पीढ़ी के फाइनैंशियल सेक्टर सुधारों के तहत बीमा सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा के 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती हैं। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा।’’

Also Read: पीएम मोदी ने असम को दी ₹6,300 करोड़ की स्वास्थ्य और इन्फ्रा परियोजनाओं की सौगात

इंश्योरेंस सेक्टर में आये 82,000 करोड़ रुपये

अब तक, बीमा सेक्टर ने एफडीआई के माध्यम से 82,000 करोड़ रुपये आकर्षित किए हैं। वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम, 1938 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसमें बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाकर 100% करना, चुकता पूंजी में कमी और एक समग्र लाइसेंस का प्रावधान शामिल है।

एक व्यापक विधायी प्रक्रिया के तहत, जीवन बीमा निगम अधिनियम-1956 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम-1999 में बीमा अधिनियम-1938 के साथ-साथ संशोधन किया जाएगा। एलआईसी अधिनियम में संशोधनों का प्रस्ताव है कि इसके बोर्ड को शाखा विस्तार और भर्ती जैसे परिचालन संबंधी निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए।

बीमा की पहुंच बढ़ाने में मिलेगी मदद

प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसीधारकों के हितों को बढ़ावा देने, उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने और बीमा बाजार में ज्यादा कंपनियों के प्रवेश को सुगम बनाने पर केंद्रित हैं, जिससे आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे बदलाव बीमा उद्योग की दक्षता बढ़ाने, कारोबार सुगमता और ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद करेंगे।

Also Read: Market Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचल

1938 का बीमा अधिनियम भारत में बीमा के लिए विधायी ढांचा प्रदान करने वाला प्रमुख अधिनियम है। यह बीमा कारोबार के कामकाज के लिए रूपरेखा प्रदान करता है और बीमाकर्ता, उसके पॉलिसीधारकों, शेयरधारकों और नियामक इरडा के बीच संबंधों को नियंत्रित करता है। इस क्षेत्र में और ज्यादा कंपनियों के प्रवेश से न केवल इसकी पहुंच बढ़ेगी, बल्कि देशभर में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

कब-कब बीमा नियमों में हुआ बदलाव

फिलहाल, भारत में 25 जीवन बीमा कंपनियां और 34 गैर-जीवन या साधारण बीमा कंपनियां हैं, जिनमें एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड और ईसीजीसी लिमिटेड जैसी विशिष्ट साधारण बीमा कंपनियां शामिल हैं। बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा पिछली बार 2021 में 49% से बढ़ाकर 74% की गई थी। 2015 में, सरकार ने बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा 26% से बढ़ाकर 49% कर दी थी।

First Published - September 14, 2025 | 3:18 PM IST

संबंधित पोस्ट