facebookmetapixel
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भावNifty Smallcap में गिरावट की चेतावनी! 3 तकनीकी संकेत दे रहे हैं 5% क्रैश का इशाराक्या Hindalco अब उड़ान भरेगा? एक ब्रोकर ने दिया ₹920 का टारगेट, बाकी रहे सतर्कसोना खरीदने का वक्त आ गया! एक्सपर्ट दे रहे हैं निवेश की सलाह, बोले- अब नहीं खरीदा तो पछताएंगे

टाटा मोटर्स की ‘रकम रेस’ शुरू

Last Updated- December 05, 2022 | 4:41 PM IST


टाटा मोटर्स के बड़े सपनों के लिए रकम जुटाने का सिलसिला अब रतार पकड़ने लगा है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुआई में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का एक समूह काम शुरू कर रहा है। यह समूह फोर्ड मोटर्स के ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण की टाटा की मुहिम के लिए 12,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करेगा। यह रकम जुटाने के लिए बैंकों को इसी साल अप्रैल तक की मियाद दी गई है।


इस सौदे को नजदीक से देखने वाले एक सूत्र के मुताबिक एसबीआई के अलावा इस समूह में सिटीबैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, बीएनपी परिबास, जे पी मॉर्गन, तोक्यो मित्सुबिशी यूएफजे और मिझुहो फाइनैंशियल कॉर्पोरेशन शामिल हैं। एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र के दोतीन और बैंकों से भी इस समूह में आने की बात कर रहा है।


सूत्र ने बताया कि यह रकम अल्पकालिक ब्रिज फाइनैंसिंग के जरिये जुटाई जाएगी। सारा कामकाज अगले महीने पूरा हो जाने की उमीद है। अभी 2-3 सार्वजनिक बैंक भी इस समूह का हिस्सा बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि एसबीआई इस सौदे के लिए धन जुटाने के कााम में बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक को भी लगा सकता है। समूह का इरादा जल्द से जल्द टाटा को जरूरी रकम सौंप देने का है।


टाटा मोटर्र्स इस सौदे के तहत फोर्ड को कितना धन देगी, इसके बारे में कोई भी खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन बाजार के सूत्रों की मानें, तो कंपनी कम से कम 8,000 करोड़ रुपये इस सौदे के एवज में चुकाने जा रही है।


इस सौदे के लिए जरूरी रकम से भी ज्यादा धन जुटाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य अन्य योजनाओं को भी बेहतर ढंग से चलाना हो सकता है। माना जा रहा है कि बाकी रकम से वह अपनी दूसरी अधिग्रहण संबंधी और रणनीतिक योजनाओं को अंजाम देगी। टाटा इसमें से कुछ धन अपनी नैनो कार में भी लगा सकती है। यह कार इसी साल अक्टूबर में बाजार में लाई जानी है, लेकिन वित्तीय समस्याएं इसमें भी आ रही हैं।

First Published - March 18, 2008 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट