facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

टाटा मोटर्स की ‘रकम रेस’ शुरू

Last Updated- December 05, 2022 | 4:41 PM IST


टाटा मोटर्स के बड़े सपनों के लिए रकम जुटाने का सिलसिला अब रतार पकड़ने लगा है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुआई में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का एक समूह काम शुरू कर रहा है। यह समूह फोर्ड मोटर्स के ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण की टाटा की मुहिम के लिए 12,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करेगा। यह रकम जुटाने के लिए बैंकों को इसी साल अप्रैल तक की मियाद दी गई है।


इस सौदे को नजदीक से देखने वाले एक सूत्र के मुताबिक एसबीआई के अलावा इस समूह में सिटीबैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, बीएनपी परिबास, जे पी मॉर्गन, तोक्यो मित्सुबिशी यूएफजे और मिझुहो फाइनैंशियल कॉर्पोरेशन शामिल हैं। एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र के दोतीन और बैंकों से भी इस समूह में आने की बात कर रहा है।


सूत्र ने बताया कि यह रकम अल्पकालिक ब्रिज फाइनैंसिंग के जरिये जुटाई जाएगी। सारा कामकाज अगले महीने पूरा हो जाने की उमीद है। अभी 2-3 सार्वजनिक बैंक भी इस समूह का हिस्सा बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि एसबीआई इस सौदे के लिए धन जुटाने के कााम में बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक को भी लगा सकता है। समूह का इरादा जल्द से जल्द टाटा को जरूरी रकम सौंप देने का है।


टाटा मोटर्र्स इस सौदे के तहत फोर्ड को कितना धन देगी, इसके बारे में कोई भी खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन बाजार के सूत्रों की मानें, तो कंपनी कम से कम 8,000 करोड़ रुपये इस सौदे के एवज में चुकाने जा रही है।


इस सौदे के लिए जरूरी रकम से भी ज्यादा धन जुटाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य अन्य योजनाओं को भी बेहतर ढंग से चलाना हो सकता है। माना जा रहा है कि बाकी रकम से वह अपनी दूसरी अधिग्रहण संबंधी और रणनीतिक योजनाओं को अंजाम देगी। टाटा इसमें से कुछ धन अपनी नैनो कार में भी लगा सकती है। यह कार इसी साल अक्टूबर में बाजार में लाई जानी है, लेकिन वित्तीय समस्याएं इसमें भी आ रही हैं।

First Published - March 18, 2008 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट