facebookmetapixel
Editorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिशसस्ते आयात से स्टील के दाम पर दबाव की आशंका, उद्योग के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक करेगा इस्पात मंत्रालयपोर्टल पर हो नौकरियों का सटीक आंकड़ा, श्रम मंत्रालय से मजबूत तंत्र विकसित करने का आग्रहभारत बनेगा खिलौनों का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब, ₹13000 करोड़ की योजना पर काम कर रही सरकार

भारतीय स्टार्टअप के लिए खत्म होने लगा रकम का सूखा

डेट फंडिंग के इस दौर पर विचार करने के बाद कुल रकम पिछले साल अक्टूबर में स्टार्टअप की तरफ से जुटाए गए 1.1 अरब डॉलर के आसपास ही है।

Last Updated- November 15, 2023 | 10:09 PM IST
Indian startup funding winter shows signs of thaw as large deals resurface

लंबे समय तक धीमे निवेश के बाद बड़े और मझोले आकार वाले फंडिंग के दौर की फिर से वापसी भारतीय स्टार्टअप के लिए राहत की सांस लेकर आई है। चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल के बीच अक्टूबर में ओला इलेक्ट्रिक ने इक्विटी औऱ ऋण के जरिये भारी भरकम 38.5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। ओला से पहले कई अन्य कंपनियों जेटवर्क, जोल्व व इंश्योरेंसदेखो भी अपेक्षाकृत बड़ी रकम जुटाने में कामयाब रही थी।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप ने अक्टूबर में 72 प्राइवेट इक्विटी सौदों के जरिये 54.28 करोड़ डॉलर जुटाए। इसमें मध्यम से लेकर बड़े आकार वाले सौदे थे। मसलन जेटवर्क ने 12 करोड़ डॉलर, ब्लूरिच ने 6 करोड़ डॉलर और हस्क पावर सिस्टम्स ने 5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। हालांकि इसमें ओला इलेक्ट्रिक जैसे बड़े सौदे शामिल नहीं हैं। इसी तरह नियोबैंक जोल्व ने भी ऋण फंडिंग के जरिये 10 करोड़ डॉलर जुटाए।

डेट फंडिंग के इस दौर पर विचार करने के बाद कुल रकम पिछले साल अक्टूबर में स्टार्टअप की तरफ से जुटाए गए 1.1 अरब डॉलर के आसपास ही है। सितंबर 2023 में नई कंपनियों की तरफ से 87.4 करोड़ डॉलर से ज्यादा की निवेश रकम जुटाई गई।

माइक्रो वीसी फंड अर्थ वेंचर फंड के प्रबंध साझेदार अनिरुद्ध ए दमानी ने कहा कि कथित तौर पर फंडिंग के सूखे के बाद अब वास्तव में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम के भीतर नजरिये में बदलाव ने भी वास्तविक फंडिंग का माहौल बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

साल 2021 में स्टार्टअप ने महंगे मूल्यांकन पर रिकॉर्ड 4.43 अरब डॉलर जुटाए थे, जिसके बाद निवेशकों ने धीरे-धीरे अपने बटुए पर नियंत्रण रखा। नतीजतन, स्टार्टअप फंडिंग साल 2022 में सालाना आधार पर 39 फीसदी घटकर 2.71 अरब डॉलर रह गई थी। फंडिंग में कमी का रुझान 2023 में भी जारी रहा जब निवेश कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 72 फीसदी घटकर 5.5 अरब डॉलर रह गया।

हालांकि तब से फंडिंग में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। कैलेंडर वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में स्टार्टअप ने 208 सौदों के जरिये 1.7 अरब डॉलर जुटाए जो साल 2022 की इस अवधि में इन कंपनियों की तरफ से जुटाई गई रकम 3 अरब डॉलर के मुकाबले 43 फीसदी कम है। यह कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 72 फीसदी कम है।

तिमाही में पेरिफोज, जेप्टो, ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी और जाइबर 365 की तरफ से 10 करोडॉ डॉलर से ज्यादा बड़ी फंडिंग का दौर देखा गया। इसने इस तिमाही में और फंडिंग की घोषणा की राह खोली। आरकैम वेंचर्स के प्रबंध निदेशक राहुल चंद्रा ने कहा, अब सौदे तेजी से पूरे हो रहे हैं, जो वॉल्यूम में बढ़ोतरी का संकेत हैं।

फंडिंग की मौजूदा रफ्तार बने रहने की उम्मीद है क्योंकि निवेशक अपने पास पड़ी नकदी का बड़ा हिस्सा आवंटित करने पर विचार कर रहे हैं।

First Published - November 15, 2023 | 10:09 PM IST

संबंधित पोस्ट