फ्रांस की वाहन निर्माता रेनो ग्रुप ने आज कहा कि वह भारत में अपनी बिक्री को मजबूत करेगी और चेन्नै में अपने संयुक्त संयंत्र में अपनी जापानी साझेदार निसान की शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के जरिये निर्यात बढ़ागी।
कंपनी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी की खबरों के बीच यह सौदा पूरा हो गया है। इस संयुक्त उद्यम – रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया (एनएनएआईपीएल) को पूरी तरह से रेनो ग्रुप के समेकित वित्तीय विवरणों में शामिल किया जाएगा।
रेनो ग्रुप ने कहा कि यह अधिग्रहण भारत को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केंद्र में बदलने की रणनीति का हिस्सा है। इस सौदे के आकार पर टिप्पणी किए बिना रेनो ने बयान में कहा है कि हिस्सेदारी की यह खरीद भारत को अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण केंद्र बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
रेनो ने अप्रैल में ऐलान किया थी कि फ्रांस के बाहर चेन्नै में उसका सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र है। उसने नई रेनो ट्राइबर उतारने का भी ऐलान किया, जो महत्त्वाकांक्षी ‘उत्पाद आक्रामक’ का पहला मॉडल है। इसमें चार कारें शामिल होंगी। कंपनी का लक्ष्य भारत में बिक्री को मजबूत करना और देश से निर्यात का विस्तार करना है। स्टेफन डेब्लाइस 1 सितंबर को भारत में रेनो ग्रुप के मुख्य कार्य अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे।