रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 2022-24 के दौरान 5,885 एकड़ जमीन 90,000 करोड़ रुपये में खरीदी ताकि आवास और कमर्शियल संपत्तियों की मजबूत मांग के बीच प्रोजेक्ट बनाए जा सकें। यह जानकारी जेएलएल इंडिया ने दी। इस डेटा के मुताबिक, रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 2022 में 1,603 एकड़ जमीन 18,112 करोड़ रुपये में, 2023 में 1,947 एकड़ जमीन 32,203 करोड़ रुपये में खरीदी। 2024 के दौरान, डेवलपर्स द्वारा जमीन खरीद 2,335 एकड़ तक पहुंच गई, जिसकी कीमत 39,742 करोड़ रुपये थी। 2022-24 के दौरान, रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 5,885 एकड़ जमीन 90,057 करोड़ रुपये में खरीदी।
हालांकि, जेएलएल इंडिया ने बताया कि इस डेटा में केवल रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा सीधे खरीद को किया गया है। डेवलपर्स और जमीन मालिकों के बीच हुए जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (JDAs) को विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है।
बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन और पुणे जैसे टियर I शहरों में कंपनी ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी और जमीन खरीद का 72 प्रतिशत हिस्सा इनका रहा। टियर II और III शहरों ने 28 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जो 662 एकड़ जमीन के बराबर है।
जेएलएल ने कहा, “यह ट्रेंड इन उभरते बाजारों में छिपी संभावनाओं को पहचानने की बढ़ती समझ को दिखाता है।” खास बात यह है कि नागपुर, वाराणसी, इंदौर, वृंदावन और लुधियाना जैसे शहर इस जमीन खरीद की होड़ में अप्रत्याशित हॉटस्पॉट के रूप में उभरे।
जेएलएल इंडिया ने कहा, “2024 भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक साल रहा, जिसमें जमीन खरीद में तेजी देखी गई। देश भर के डेवलपर्स ने विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की और 23 प्रमुख शहरों में 134 अलग-अलग सौदों के जरिए 2,335 एकड़ जमीन हासिल की।”
इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में 2,335 एकड़ जमीन की खरीद से 194 मिलियन (1,940 लाख) वर्ग फीट रियल एस्टेट का डेवलपमेंट पोटेंशियल पैदा होगा। इसकी कुल कीमत जिसकी कीमत 39,742 करोड़ रुपये थी। जेएलएल इंडिया ने कहा कि 2024 में खरीदी गई 81 प्रतिशत जमीन का इस्तेमाल रिहायशी प्रोजेक्ट्स के विकास के लिए होगा।