रियल एस्टेट संगठन नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) का 16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन 2 और 3 फरवरी को होने जा रहा है। इसमें पूरा ध्यान इस क्षेत्र में नए जमाने के ट्रेंड और टेक्नोलॉजी अपनाने पर होगा।
साथ ही सरकारी सहायता, अफोर्डेबल हाउसिंग (किफायती आवास) , रेरा के प्रभाव, फाइनेंस के विकल्पों, तकनीक के एकीकरण और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।
इस सम्मेलन से पहले उद्योग ने केंद्र सरकार से बजट में राहत देने की भी मांग की है। नारेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि इस सम्मेलन में नकदी संकट, एनपीए, दिवालियापन, मकान किराए पर देने की नीति में सुधार आदि पर चर्चा की जाएगी।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट उद्योग तरक्की कर रहा है। लेकिन बढ़ती उच्च लागत चिंता का विषय है। इसमें करों की बड़ी हिस्सेदारी है। ज्यादातर भवन निर्माण सामग्री पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है।
किफायती आवास की हिस्सेदारी कम होने के सवाल पर नारेडको के पदाधिकारियों का कहना है कि किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए सरकार को होम लोन की ब्याज दरों में छूट देना चाहिए।
इसके अलावा किफायती आवास परियोजनाओं के लिए सीमेंट और स्टील जैसी भवन निर्माण सामग्री को सस्ता करने के लिए कर राहत देनी चाहिए।
नारेडको ने केंद्र सरकार से आम बजट में रियल एस्टेट उद्योग को एमएसएमई का दर्जा देने की भी मांग की है। इससे उद्योग को कम ब्याज दरों पर कर्ज मिलेगा। जिससे मकान खरीदारों को सस्ते मकान मिल सकेंगे।