चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में रियल एस्टेट में निजी इक्विटी (पीई) निवेश सालाना आधार पर 26 प्रतिशत घटकर 2.65 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी तथा घरेलू निवेशकों का सतर्क रहना इसकी मुख्य वजह रही। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में यह आंकड़ा 3.6 अरब डॉलर था। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट ‘एफएलयूएक्स’ में कहा कि कुल पीई प्रवाह में से 84 प्रतिशत इक्विटी के रूप में था, जबकि शेष ऋण के रूप में था।
एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शोभित अग्रवाल ने कहा कि कुल पीई प्रवाह में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 79 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में भारतीय रियल एस्टेट में कुल पूंजी प्रवाह में घरेलू निवेश हिस्सेदारी घटकर 14 प्रतिशत रह गई।’’ इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में घरेलू निवेशकों का निवेश घटकर 36 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 71.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
एनारॉक के अनुसार, विदेशी और घरेलू निवेशकों की कम गतिविधि की खबर के कारण पीई निवेश में गिरावट आई है। वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दर के कारण इस अवधि में अधिकतर समय विदेशी निवेशकों की गतिविधियां धीमी रहीं।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘ घरेलू एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) में गतिविधियां धीमी रहीं। इसकी वजह उनके पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग ‘आवासीय रियल एस्टेट ऋण’ में उच्च लागत वाले कोषों की कम मांग रही।’’