भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र सात से आठ साल लंबे वृद्धि चक्र के बीच में है और इस कारण मांग तथा मूल्य निर्धारण में वृद्धि की रफ्तार जारी रहनी चाहिए। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने यह अनुमान जताया है।
मोतीलाल ओसवाल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि निफ्टी रियल्टी इंडेक्स पिछले एक साल में दोगुना हुआ है, लेकिन जनवरी 2022 से (दो साल में) इसका प्रतिफल 80 प्रतिशत रहा है, जो शीर्ष 12 सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में प्री-सेल या नकदी प्रवाह वृद्धि के समान है। इसलिए भविष्य की बढ़ोतरी की झलक अभी बाकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कीमत बढ़ोतरी के बावजूद सभी बाजारों में सामर्थ्य में सुधार हुआ है क्योंकि आय में वृद्धि मूल्य में बढ़ोतरी से अधिक है। इससे मांग और मूल्य निर्धारण की रफ्तार बरकरार रहनी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा किफायती श्रेणी में मांग में सुधार, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बीच व्यापक स्तर पर प्रतिकूल माहौल तथा बेंगलूरु, एनसीआर और चेन्नई जैसे शहरों में मांग में बढ़ोतरी बिक्री को और बढ़ा सकती है।
साल 2023 में आपूर्ति पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत बढ़कर 3,50,000 इकाई हो गई, जो मांग से थोड़ी ज्यादा है। इससे आय में पिछले साल के मुकाबले छह प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। मूल्य वृद्धि के बावजूद देश के आठ बड़े शहरों में सामर्थ्य अनुपात में 100 से 200 आधार अंक का मामूली सुधार देखा गया।