facebookmetapixel
GST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकता

मोतीलाल ओसवाल का अनुमान, भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में 7-8 साल तक तेजी रहने की संभावना

साल 2023 में आपूर्ति पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत बढ़कर 3,50,000 इकाई हो गई, जो मांग से थोड़ी ज्यादा है।

Last Updated- January 29, 2024 | 10:05 PM IST
पूरा भुगतान करने वाले उद्यमियों को कब्जा लेने का मिला मौका, Delhi industry: Entrepreneurs who made full payment got a chance to take possession

भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र सात से आठ साल लंबे वृद्धि चक्र के बीच में है और इस कारण मांग तथा मूल्य निर्धारण में वृद्धि की रफ्तार जारी रहनी चाहिए। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने यह अनुमान जताया है।

मोतीलाल ओसवाल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि निफ्टी रियल्टी इंडेक्स पिछले एक साल में दोगुना हुआ है, लेकिन जनवरी 2022 से (दो साल में) इसका प्रतिफल 80 प्रतिशत रहा है, जो शीर्ष 12 सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में प्री-सेल या नकदी प्रवाह वृद्धि के समान है। इसलिए भविष्य की बढ़ोतरी की झलक अभी बाकी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कीमत बढ़ोतरी के बावजूद सभी बाजारों में सामर्थ्य में सुधार हुआ है क्योंकि आय में वृद्धि मूल्य में बढ़ोतरी से अधिक है। इससे मांग और मूल्य निर्धारण की रफ्तार बरकरार रहनी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा किफायती श्रेणी में मांग में सुधार, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बीच व्यापक स्तर पर प्रतिकूल माहौल तथा बेंगलूरु, एनसीआर और चेन्नई जैसे शहरों में मांग में बढ़ोतरी बिक्री को और बढ़ा सकती है।

साल 2023 में आपूर्ति पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत बढ़कर 3,50,000 इकाई हो गई, जो मांग से थोड़ी ज्यादा है। इससे आय में पिछले साल के मुकाबले छह प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। मूल्य वृद्धि के बावजूद देश के आठ बड़े शहरों में सामर्थ्य अनुपात में 100 से 200 आधार अंक का मामूली सुधार देखा गया।

First Published - January 29, 2024 | 10:05 PM IST

संबंधित पोस्ट