देश में इस साल बड़े आकार के ऑफिस (10 हजार वर्ग फुट से ज्यादा क्षेत्र) की मांग भी खूब जोर पकड़ रही है। मिड सेगमेंट वाले ऑफिस की मांग में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है और इनकी कुल मांग में 50 फीसदी के करीब हिस्सेदारी है। इस साल की पहली छमाही में इनकी मांग में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है। बड़े ऑफिस की सबसे ज्यादा मांग बेंगलूरु में देखने को मिल रही है।
संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार 2024 की पहली छमाही में बड़े ऑफिस की मांग में सालाना आधार पर 54 फीसदी इजाफा हुआ है। इस साल पहली छमाही में इन ऑफिस की मांग 156.9 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 101.8 लाख वर्ग फुट था। देश के 8 प्रमुख शहरों में कुल कमर्शियल ट्रांजेक्शन में बड़े ऑफिस की हिस्सेदारी 45 फीसदी है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के मुताबिक इस साल पहली छमाही में देश के 8 प्रमुख शहरों में बड़े ऑफिस की सबसे अधिक मांग 45 लाख वर्ग फुट बेंगलूरु में दर्ज की गई। इस शहर में पहली छमाही में इनकी मांग में 32 फीसदी इजाफा हुआ। बड़े ऑफिस की मांग के मामले में मुंबई दूसरे और हैदराबाद तीसरे स्थान पर रहा। इन शहरों में इन ऑफिस की मांग क्रमश: 30.8 लाख और 26.6 लाख वर्ग फुट रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “अपने भारतीय व्यवसाय का विस्तार करने की चाहत रखने वाले बड़े उद्यमियों के लिए बेंगलुरु सबसे आकर्षक ऑफिस मार्केट बना हुआ है। फ्लेक्सीबल ऑफिस स्पेस महत्वपूर्ण बने हुए हैं, जो थर्ड पार्टी आईटी सेवाओं और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों की लागत को बचाते या कम करते हैं।
मिड सेगमेंट (50 हजार से एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र ) वाले ऑफिस की मांग में सालाना आधार पर 70 फीसदी की बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। पहली छमाही में इस सेगमेंट के ऑफिस की मांग 72.8 लाख वर्ग फुट रही। इस सेगमेंट में मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक मांग देखी गई। इन दोनों शहरों में प्रत्येक में 15.7 लाख वर्ग फुट इन ऑफिस की मांग रही। इसके बाद हैदराबाद में 12.9 वर्ग फुट मांग दर्ज की गई।
इस बीच 50 हजार वर्ग फुट से कम आकार वाले ऑफिस की मांग में मामूली इजाफा हुआ है। इस केटेगरी में एनसीआर, पुणे और चेन्नई में इन ऑफिस की सबसे अधिक मांग दर्ज की गई । इन शहरों में इनकी मांग क्रमश: 22.2 लाख वर्ग फुट, 17.8 लाख वर्ग फुट और 16 लाख वर्ग फुट रही।