Indian coworking rental: बीते एक दशक में खासकर महामारी के बाद ऑफिस वर्क कल्चर में काफी परिवर्तन आया है। इस दौरान पारंपरिक कमर्शियल ऑफिस स्पेस के भीतर Coworking तंत्र का उदय हुआ है। इस बदलते परिदृश्य के बीच प्रमुख शहरों में फ्लेक्सी ऑफिस ( flexy office) की मांग बढ़ने से इसके किराये में भी अच्छी वृद्धि हुई। प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा किराया मुंबई में बढ़ा है।
मुंबई के फ्लैक्सी ऑफिस मार्केट में कितना बढ़ा किराया?
देश के अंदर दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा और बेंगलूरू 5 प्रमुख Coworking शहर हैं। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक समूह की Coworking एग्रीगेटर myHQ की रिपोर्ट के अनुसार इन शहरों में सबसे अधिक 27 फीसदी किराया मुंबई में बढ़ा है। वित्त वर्ष 2020 में मुंबई के फ्लैक्सी स्पेस मार्केट में औसत मासिक किराया 12,500 रुपये प्रति सीट था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 15,900 रुपये प्रति सीट हो गया। मुंबई के बाद गुरुग्राम में इस दौरान किराया 19 फीसदी बढ़कर 10,100 रुपये, दिल्ली में 18 फीसदी बढ़कर 11,800 रुपये, बेंगलूरू में 15 फीसदी बढ़कर 9,000 रुपये और नोएडा में 14 फीसदी बढ़कर 7,400 रुपये प्रति सीट हो गया है।
कहां तक पहुंच सकता है फ्लैक्सी ऑफिस स्पेस मार्केट?
एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरू, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में वर्ष 2017 से अब तक 3.4 करोड़ वर्ग फुट नया Coworking स्टॉक जुड़ चुका है। चालू वित्त वर्ष में 7 प्रमुख शहरों के कुल ऑफिस लीजिंग मार्केट में Coworking की हिस्सेदारी 18 फीसदी है। इस समय फ्लेक्सीबल ऑफिस के मार्केट का आकार करीब 5.5 करोड़ वर्ग फुट है। इसके साल 2030 तक बढ़कर 10 करोड़ से 14 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंचने की संभावना है।
बड़े कॉरपोरेट चुन रहे हैं फ्लैक्सी वर्क स्पेस का विकल्प
MyHQ (एनारॉक) के वरिष्ठ निदेशक उत्कर्ष कवात्रा (Kawatra) कहते हैं कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में Coworking स्पेस महत्वपूर्ण मार्केट के रूप में उभरा है और यहां मांग तेजी से बढ़ रही है। हांगकांग, चीन, भारत और जापान उन बड़े केंद्रों में से हैं जिनमें बड़े पैमाने पर Coworking में विकास देखा जा रहा है। भारत में फ्लैक्सी और किफायती ऑफिस की लगातार मांग देखी जा रही है। यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के कुछ सबसे बड़े कॉरपोरेट जैसे गूगल, सैमसंग, रोल्स रॉयस एनर्जी, कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी व अन्य अब फ्लेक्सी वर्कस्पेस का विकल्प चुन रहे हैं। 70 फीसदी कंपनियां हाइब्रिड वर्क मॉडल पर काम कर रही हैं। बीते दो साल में नई ऑफिस सप्लाई में 20 फीसदी Coworking के लिए खरीदी गई है।