रियल एस्टेट उद्योग में बिक्री इस साल भी खूब हो रही है। इस साल की तीसरी तिमाही में मकानों की बिक्री 6 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। तीसरी तिमाही में मकानों की बिक्री में सालाना आधार पर 12 फीसदी इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी महंगे मकानों की बिक्री में हुई है। इस साल की तीसरी तिमाही में नये मकानों की लॉन्चिंग सालाना आधार पर 23 फीसदी बढ़कर 85,549 दर्ज की गई। मकानों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। हैदराबाद में सबसे ज्यादा 11 फीसदी मकान महंगे हुए हैं। इस बीच, तीसरी तिमाही के दौरान आफिस की मांग भी बढ़ी है।
तीसरी तिमाही में मकानों की बिक्री 12 फीसदी बढ़ी
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही (जुलाई—सितंबर) में 8 प्रमुख शहरों में 82,612 मकान बिके, जो बीते 6 वर्षों में सबसे अधिक हैं। सालाना आधार पर इस तिमाही में मकानों की बिक्री में 12 फीसदी इजाफा हुआ। तीसरी तिमाही के दौरान मुंबई में मकानों की बिक्री 4 फीसदी बढ़कर 22,308, एनसीआर में बिक्री 27 फीसदी बढ़कर 13,981, पुणे में 20 फीसदी बढ़कर 13,079, बेंगलुरू में एक फीसदी बढ़कर 13,169, हैदराबाद में 6 फीसदी बढ़कर 8,325, अहमदाबाद में 6 फीसदी बढ़कर 4,108, चेन्नई में 5 फीसदी बढ़कर 3,870, जबकि कोलकाता में मकानों की बिक्री दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 3,772 हो गई।
महंगे घरों की बिक्री सबसे ज्यादा बढ़ी, किफायती मकानों की घटी
इस साल की तीसरी तिमाही के दौरान किफायती मकानों की तुलना में अधिक और मध्यम कीमत वाले मकानों की बिक्री ज्यादा बढ़ी है। इस तिमाही एक करोड रुपये से अधिक कीमत वाले मकानों की बिक्री 39 फीसदी बढ़कर 28,642 रही। इन मकानों की कुल बिके मकानों में हिस्सेदारी भी पिछली समान तिमाही की 28 फीसदी से बढ़कर इस तिमाही 35 फीसदी हो गई। तीसरी तिमाही के दौरान 50 लाख से एक करोड रुपये कीमत वाले मकानों की बिक्री 14 फीसदी बढ़कर 29,827, जबकि 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले किफायती मकानों की बिक्री 10 फीसदी घटकर 24,143 रह गई। मकानों की बिक्री बढ़ने के साथ नये मकानों की लॉन्चिंग 23 फीसदी बढ़कर 85,549 रही।
ये भी पढ़ें- Housing Sales: सितंबर तिमाही में खूब बिके घर, इन शहरों में 6 साल के हाईएस्ट लेवल पर पहुंची बिक्री
ऑफिस की भी बढ़ी मांग
इस साल मकानों के साथ ही ऑफिस स्पेस की मांग भी बढ़ रही है। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में भारतीय ऑफिस मार्केट में 161 लाख वर्ग फुट का ट्रांसजेक्शन हुआ, जो पिछली समान अवधि की तुलना में 17 फीसदी अधिक है। इस तिमाही में सबसे ज्यादा 32 लाख वर्ग फुट ऑफिस की मांग मुंबई में रही, जो पिछले साल की तीसरी तिमाही से 52 फीसदी ज्यादा थी।
मुंबई के बाद सबसे ज्यादा आफिस स्पेस की 30 लाख वर्ग फुट मांग पुणे में दर्ज की गई। पुणे में पिछले साल की इसी तिमाही में यह मांग महज 7 लाख वर्ग फुट थी। एनसीआर में ऑफिस की मांग 3 फीसदी बढ़कर 25 लाख वर्ग फुट, हैदराबाद में 255 फीसदी बढ़कर 29 लाख, चेन्नई में 6 फीसदी बढ़कर 19 लाख, कोलकाता में 13 फीसदी बढ़कर 3 लाख वर्ग फुट हो गई। इस दौरान बेंगलुरू में ऑफिस की मांग 59 फीसदी घटकर 21 लाख और अहमदाबाद में 72 फीसदी घटकर 2 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई। ऑफिस की मांग बढ़ने के साथ किराए में भी बढ़ोतरी हुई है। इन 8 प्रमुख शहरों में हैदराबाद में किराया स्थिर रहा, जबकि बाकी शहरों में ऑफिस किराये में 2 से लेकर 10 फीसदी इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा 10 फीसदी किराया कोलकाता में बढ़ा।
ये भी पढ़ें- Tata Housing अगले 2-3 साल में 16,000 करोड़ रुपये की आवासीय परियोजनाएं शुरू करेगी : CEO
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक कॉरपोरेट रुचि को आकर्षित कर रही है। जिससे भारतीय ऑफिस स्पेस में मांग बढ रही है। भारतीय रियल एस्टेट के आवासीय क्षेत्र में भी मकानों की मांग में तेजी जारी है और यह बढ़कर कई सालों के उच्च स्तर की ओर जा रही है। मांग की पूर्ति के लिए बिल्डरों द्वारा नई आपूर्ति बढाने से इन्वेंटरी भी बढ़ रही है। मकानों की कुल बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। लेकिन तीसरी तिमाही के दौरान किफायती मकानों की बिक्री में गिरावट चिंता का विषय है क्योंकि किफायती सेगमेंट लंबी अवधि में रियल एस्टेट उद्योग की वृद्धि के लिए काफी महत्वपूर्ण है और इसी सेगमेंट में सबसे ज्यादा मकान बिकते हैं।