देश में दूरसंचार बुनियादी ढांचे की कमी और लगातार बढ़ती मांग के बीच दिग्गज कंपनियां इसकी साझेदारी की जुगत भिड़ा रही हैं।
सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और निजी क्षेत्र की दिग्गज रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) भी अपने एक्टिव और पैसिव बुनियादी ढांचे की साझेदारी के लिए बातचीत कर रही हैं।
दोनों कंपनियों के बीच जारी बातचीत अभी अंतिम दौर में नहीं पहुंची है। लेकिन अगर यह बातचीत सही मुकाम तक पहुंच जाती है, तो बीएसएनएल और किसी निजी कंपनी का यह पहला गठजोड़ होगा। इससे कंपनी को देश का सबसे बड़ा सीडीएमए नेटवर्क बिछाने में भी मदद मिलेगी।
इस बातचीत से जुड़े सूत्र के मुताबिक आरकॉम को इस सौदे के साथ ही अपने बुनियादी ढांचे में एक और किराएदार मिल जाएगा। दूसरी ओर बीएसएनएल को बुनियादी ढांचा खड़ा करने में कम समय लगेगा क्योंकि वह सीडीएमए तकनीक पर सेवाएं शुरू करने ही वाली है।
दोनों कंपनियां मिलकर देश का सबसे बड़ा सीडीएमए नेटवर्क तैयार कर देंगी।पिछले दिनों आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अगली तिमाही में उन्हें बुनियादी ढांचे के दो ऐसे किराएदार मिल जाएंगे, जिनकी मौजूदगी पूरे देश में है। लेकिन उन्होंने ऐसी किसी भी कंपनी का नाम बताने से इनकार कर दिया था, जिसके साथ आरकॉम की बातचीत चल रही है।
बीएसएनएल ने भी बताया था कि वह निजी क्षेत्र के आपरेटरों से बात कर रही है, जिसका मकसद बुनियादी ढांचे खास तौर पर टावरों की साझेदारी करना है। कंपनी के चेयरमैन कुलदीप गोयल भी यह कह चुके हैं कि बीएसएनएल देश भर में सीडीएमए सेवाएं शुरू करने में दिलचस्पी रखती है। लेकिन उन्होंने इसके बारे में किसी कंपनी के साथ बातचीत का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया था।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर आरकॉम के प्रवक्ता ने कहा, ‘आरकॉम पहली कंपनी है, जिसने अपने पैसिव बुनियादी ढांचे को एक अलग सहायक कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल का नाम दिया था। बुनियादी ढांचे की यह कंपनी किराएदारों के मॉडल पर कारोबार करती है और रिलायंस कम्युनिकेशंस समेत तमाम कंपनियों को ढांचे का इस्तेमाल करने देती है। कई दूसरी कंपनियों ने भी इस ढांचे की साझेदारी में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन हम उनका नाम नहीं बता सकते।’
बीएसएनएल में सूत्रों ने बताया कि कंपनी बुनियादी ढांचे की साझेदारी के रास्ते तलाश रही है, लेकिन अभी किसी भी कंपनी के साथ समझौता नहीं किया गया है।फिलहाल बीएसएनएल के 3.6 करोड़ से भी ज्यादा जीएसएम ग्राहक हैं। सीडीएमए तकनीक पर आधारित डब्ल्यूएलएल सेवा के 45 लाख ग्राहक हैं। आरकॉम का सीडीएमए ढांचा 23,000 से ज्यादा शहरों और 6 लाख से ज्यादा गांवों में मौजूद है।