चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भी भारतीय कंपनी जगत को आय और मुनाफा में नरम वृद्धि का सामना करना पड़ा। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री या आय लगातार सातवीं तिमाही में एक अंक में बढ़ी है जबकि उनकी कुल शुद्ध मुनाफा वृद्धि लगातार तीसरी तिमाही में एक अंक में रही।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 3,618 सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 6.2 फीसदी बढ़कर 3.47 लाख करोड़ रुपये रहा और आय 7 फीसदी बढ़कर 37.73 लाख करोड़ रुपये रही।
इस हिसाब से देखें तो वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती 9 महीनों में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 4.9 फीसदी बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि की 27.4 फीसदी वृद्धि से काफी कम है। इन कंपनियों की शुद्ध आय वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में 7.2 फीसदी बढ़ी है जिसमें वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि की 6.8 फीसदी वृद्धि से मामूली सुधार हुआ है।
सूचीबद्ध कंपनियों की कमाई में वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन में सुधार की बदौलत हुई है। इन कंपनियों के मार्जिन में सुधार कच्चे माल, ऊर्जा और ब्याज लागत में बचत से हुआ है। हालांकि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के मार्जिन में कमी आई है क्योंकि इनका ब्याज खर्च उनकी कुल ब्याज आय से ज्यादा तेजी से बढ़ा है।
नमूने में शामिल कंपनियों का परिचालन मार्जिन वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 155 आधार अंक बढ़कर कुल आय का 28.7 फीसदी हो गया जो 21 तिमाही में सबसे अधिक है। इसी तरह कर पूर्व मुनाफा 76 आधार अंक बढ़कर 12.7 फीसदी रहा जो 21 तिमाही में दूसरा सबसे अच्छा है। मगर शुद्ध मुनाफा मार्जिन महज 10 आधार अंक बढ़कर 8.9 फीसदी रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 8.8 फीसदी था।
विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियां लागत घटाकर और गैर-जरूरी खर्चों में कटौती के जरिये कम आय वृद्धि के बावजूद अपने मार्जिन को बनाए रखने में कामयाब रही हैं। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कंपनियों का अन्य परिचालन खर्च वृद्धि घटकर 1.4 फीसदी रह गई। आंकड़ों से कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में भी कमी का संकेत मिलता है। कंपनियों के कुल वेतन खर्च में वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 6.2 फीसदी की वृद्धि हुई, जो कम से कम पिछली 17 तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है।
शुद्ध ब्याज मार्जिन कम होने के बावजूद बैंक, एनबीएफसी, बीमा और शेयर ब्रोकिंग (बीएफएसआई) कंपनियों का प्रदर्शन एक बार फिर बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 8.3 फीसदी बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.18 लाख करोड़ रुपये था। इन कंपनियों की शुद्ध आय या सकल ब्याज आय वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 9.9 फीसदी बढ़ी जो 11 तिमाही में सबसे कम वृद्धि है।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों की कुल ब्याज आय करीब 8.19 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 7.45 लाख करोड़ रुपये थी। गैर-वित्तीय कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा। बीएफएसआई कंपनियों को छोड़ दें तो बाकी कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 5 फीसदी बढ़ा है जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 29.5 फीसदी बढ़ा था।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 2.19 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 2.09 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 1.99 लाख करोड़ रुपये था। बीएफएसआई से इतर कंपनियों की कुल शुद्ध आय वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 6.2 फीसदी बढ़ी जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में इसमें 4.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इन कंपनियों की कुल शुद्ध आय वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 29.3 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2024 की समान तिमाही में 27.56 लाख करोड़ रुपये थी।
दूरसंचार, पूंजीगत वस्तुएं, निर्माण, फार्मा, बिजली और आईटी सेवा क्षेत्र की आय दो अंक में बढ़ी जबकि तेल एवं गैस, सीमेंट, एफएमसीजी, खनन एवं धतु और वाहन क्षेत्र की कंपनियों की आय वृद्धि लगभग स्थिर रही।