वित्त मंत्रालय बैंक जमा, पेंशन, शेयर, डिविडेंड और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में फंसी बिना दावे वाली संपत्तियों के लिए दावा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ मिलकर एक इंटीग्रेटेड पोर्टल लाने की तैयारी कर रहा है। वित्तीय सेवाओं के सचिव एन. नागराजू ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक के एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
नागराजू ने कहा कि जल्द ही पेश किए जाने वाले इस पोर्टल के जरिये सभी नियामकों के डेटा को आरबीआई द्वारा संभाला जाएगा। फिलहाल बिना दावे वाली संपत्तियों के लिए आरबीआई ने ‘उद्गम’ पोर्टल जबकि सेबी ने ‘मित्र’ और बीमा नियामक इरडा ने ‘बीमा भरोसा’ पोर्टल जारी किए हैं। इस बारे में एक इंटीग्रेटेड पोर्टल बन जाने से नागरिकों को उनके फंसे हुए धन का पता लगाने और दावा प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने में मदद मिलेगी।
Also Read: Small Cap Fund: क्या वाकई में स्मॉलकैप बहुत छोटे है? फंड्स ने ₹30,000 करोड़ के शेयर खरीदे
बिना दावे वाली संपत्तियों में ऐसे बीमा पॉलिसी दावे, बैंक जमा, डिविडेंड, शेयर और म्युचुअल फंड आते हैं, जिन्हें अक्सर जागरूकता की कमी या पुराने अकाउंट डिटेल के कारण दावा नहीं किया जाता है। नागराजू ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण बड़े पैमाने पर संपत्तियां खातों में पड़ी रहती हैं। सरकार चाहती है कि देश के सभी लोगों को वित्तीय सेवाएं आसानी से मिलें। इसके साथ वह लोगों को पैसे की सही जानकारी भी देने की कोशिश कर रही है। ताकि हर नागरिक अपनी बचत का सही दावा कर सके और सही लाभ पा सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार अक्टूबर को तीन महीने तक चलने वाले राष्ट्रीय जागरूकता अभियान ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ की शुरुआत की थी। यह अभियान वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग, आरबीआई, इरडा, सेबी और निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) के समन्वय में चलाया जा रहा है।
Also Read: मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स ने प्राइवेट क्रेडिट मार्केट में रखा कदम, लाएगा ₹3,000 करोड़ का नया फंड
नागराजू ने कहा कि अब तक अभियान और शिविरों के जरिये 1,887 करोड़ रुपये की राशि उनके वास्तविक मालिकों या नामित व्यक्तियों को लौटाई जा चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि डिजिटल पहुंच और शिविरों की संख्या बढ़ने के साथ दावा निपटान की गति और तेज होगी। जागरूकता अभियान के दौरान नागरिकों को कदम-कदम पर मार्गदर्शन और डिजिटल प्रस्तुति के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
(PTI इनपुट के साथ)