एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनी WinZO के संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पावन नंदा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। दोनों को बुधवार को बेंगलुरु में ED के जोनल ऑफिस में पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया।
बाद में इन्हें स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जिसने ED को एक दिन की कस्टडी दी। आगे की कार्रवाई के लिए इन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ED का आरोप है कि WinZO ने 22 अगस्त 2025 को पूरे देश में रियल-मनी गेमिंग (RMG) पर लगे प्रतिबंध के बावजूद अपने गेमिंग प्लेटफॉर्म को चलाया। एजेंसी ने पहले कहा था कि लगभग ₹43 करोड़ खिलाड़ियों की बकाया राशि लौटाने के बजाय रोक रखी गई थी।
जांच टीम का कहना है कि खिलाड़ियों को वास्तविक प्रतिद्वंद्वी के बजाय सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम द्वारा नियंत्रित खेल में हिस्सा लेने के लिए कहा गया, जिसकी जानकारी उपयोगकर्ताओं को नहीं दी गई। ED का कहना है कि कंपनी ने खिलाड़ियों के नुकसान से अवैध लाभ कमाए।
ED ने यह भी आरोप लगाया कि WinZO ने वही RMG प्लेटफॉर्म विदेशों जैसे ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी में भी चलाया, जबकि बैकएंड ऑपरेशन पूरी तरह भारत से किया गया।
पिछले हफ्ते WinZO और Gamezkraft में छापेमारी के दौरान ED ने वित्तीय अनियमितताएं पाई। इसके तहत ₹505 करोड़ के बांड, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉज़िट फ्रीज कर दिए गए।
जांचकर्ताओं का कहना है कि लगभग $55 मिलियन (करीब ₹490 करोड़) WinZO से जुड़े यूएस आधारित शेल कंपनी में रखे गए थे, जबकि संचालन और बैंकिंग भारत से नियंत्रित थे। कुछ राशि को सिंगापुर में विदेशी निवेश का बहाना बनाकर भेजा गया।
WinZO के प्रवक्ता ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कंपनी निष्पक्षता, पारदर्शिता और यूजर सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने कहा कि वह सभी लागू कानूनों का पालन करती है और जांच में सहयोग करेगी।
जांच अब Gamezkraft तक भी फैली हुई है और एजेंसी द्वारा इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं।