भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक 14 महीनों के बाद नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए लेकिन मुनाफा वसूली के कारण आज का सत्र लगभग सपाट रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 86,056 के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। मगर दिन भर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 111 अंक यानी 0.1 फीसदी बढ़त के साथ 85,720 पर बंद हुआ।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक भी 26,311 की नई ऊंचाई तक पहुंचने के बाद महज 10 अंक यानी 0.04 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 26,216 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों ने 27 सितंबर, 2024 के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ। बीएसई पर सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण आज 59,000 करोड़ रुपये घटकर 474 लाख करोड़ रुपये रह गया।
इस सप्ताह तेजी को मुख्य तौर पर इस उम्मीद से बल मिला कि न केवल भारतीय रिजर्व बैंक बल्कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी अगले महीने की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। इस सप्ताह जारी किए गए ताजा अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में सितंबर के दौरान खुदरा बिक्री में मामूली वृद्धि दिखी है, जबकि निजी पेरोल ने श्रम बाजार में नरमी का संकेत दिया। नरमी की वजह से आगे नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है।
आरबीआई के गवर्नर ने भी आगे मौद्रिक नरमी के लिए गुंजाइश होने का संकेत दिया है जिससे नीतिगत दर के प्रति संवेदनशील क्षेत्र के शेयरों में इस सप्ताह बढ़त दर्ज की गई। सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर आय और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के सुचारु होने की आस में भारतीय शेयरों में अक्टूबर से बढ़त दिख रही है।
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सह-संस्थापक प्रमोद गुब्बी ने कहा, ‘हालिया तिमाही के नतीजों को देखते हुए ऐसा लगता है कि आय में गिरावट के मोर्चे पर कुछ सुधार होने लगा है। कम से कम आय में गिरावट की रफ्तार कम हुई है। हम करीब दो अंकों की आय के साथ वित्त वर्ष 2025-26 को अलविदा कर सकते हैं। साथ ही वित्त वर्ष 2027 में हम आय में करीब 16 फीसदी की वृद्धि तक पहुंच सकते हैं।’
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस शेयरों में बिकवाली रही जिससे आईटी क्षेत्र की प्रमुख भारतीय शेयरों में कुछ लिवाली दिखी। इसके अलावा वैश्विक मौद्रिक सहजता चक्र पर बढ़ते दांव ने भी नवंबर में निवेशकों की धारणा को मजबूत किया। मगर अधिक मूल्यांकन एवं व्यापार करार को लेकर अनिश्चितता के बीच शेयर बाजार में जबरदस्त मुनाफवसूली जारी है।
एसबीआई सिक्योरिटीज के प्रमुख (फंडामेंटल रिसर्च), सनी अग्रवाल ने कहा, ‘सर्वकालिक ऊंचाई पर मुनाफावसूली के झटके स्वाभाविक हैं जो दिसंबर तिमाही में नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहने और स्मॉलकैप एवं मिडकैप श्रेणियों में मूल्यांकन को उचित ठहराने तक जारी रहेंगे।’
कारोबार के दौरान 2,220 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई जबकि 1,936 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में सबसे अधिक योगदान आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने किया।