भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने वाले ऐपल के अनुबंध विनिर्माताओं की ही तर्ज पर नाइकी, एडिडास, प्यूमा और रीबॉक जैसी गैर-चमड़े वाली वैश्विक स्तर की जूता कंपनियों की आपूर्तिकर्ता अब चीन-प्लस-वन रणनीति के तहत में भारत आ रही हैं। जहां सोमवार को दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माता ताइवान की पुशेन (Pou Chen) ने तमिलनाडु के साथ 2,302 करोड़ रुपये की इकाई के लिए एक समझौता किया है, वहीं कम से कम छह अन्य वैश्विक दिग्गज कंपनियां राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले उद्योग के सूत्रों के अनुसार फेंग ते, हॉन्ग फू, डीन शूज, ओएसिस फुटवियर, स्पोर्ट्स गियर और जुक्का जैसी गैर-चमड़े वाली वैश्विक दिग्गज कंपनियां या तो तमिलनाडु में अपनी इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं या फिर इस संबंध में पहले ही काम शुरू कर चुकी हैं। वैश्विक स्तर पर 85 प्रतिशत से अधिक बिक्री किए जाने वाले जूते गैर-चमेड़ वाले होते हैं।
गाइडेंस तमिलनाडु (राज्य की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी) के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) वी विष्णु ने कहा ‘हम हॉन्ग फू को पहले ही जमीन आवंटित कर चुके हैं और अब हमने पुशेन के साथ सौदा किया है, जो सबसे बड़ी कंपनी है। घटक उद्योग का नेटवर्क बनाने के लिए भी हम ताइवान फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TFMA) के साथ कम से कम 30 से 40 मध्य आकार की कंपनियों को लाने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं, ताकि तमिलनाडु में पूरा नेटवर्क विकसित हो सके।’
सोमवार को तमिलनाडु सरकार ने हाई ग्लोरी फुटवियर इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन किया, जो दुनिया की सबसे बड़ी ब्रांडेड एथलेटिक और कैजुअल जूता विनिर्माता ताइवान की पुशेन कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी है। इसके जरिये 2,302 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है तथा 12 साल की अवधि में 20,000 से अधिक नौकरियां पैदा हो सकती हैं।
इस समझौते में कल्लाकुरिची जिले के उलुंदुरपेट्टई में सिपकोट औद्योगिक पार्क में गैर-चमड़े वाली जूता विनिर्माण इकाई की स्थापना शामिल है। राज्य सरकार के अनुसार यह सौदा वैश्विक गैर-चमड़ा जूता विनिर्माण के गंतव्य के रूप में तमिलनाडु के उदय का संकेत देता है और यह एक ऐसा प्रकाश स्तंभ होगा, जो इस क्षेत्र में कई और वैश्विक कंपनियों को राज्य में आकर्षित करेगा।
विष्णु ने कहा कि गैर-चमड़े वाले जूते भारत के लिए अनूठा अवसर है। इस मामले में वियतनाम और चीन मुख्य विनिर्माण केंद्र हैं।
वर्ष 2021-22 में भारत से गैर-चमड़े वाले जूतों का निर्यात 21.4 करोड़ डॉलर का था। वैश्विक दिग्गज कंपनियों के तमिलनाडु आने से इसे नया प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान चमड़े के जूतों का निर्यात 204.7 करोड़ डॉलर का रहा।