सरकार ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट (RRP) के काम में तेजी लाने को कहा है। RRP के तहत देश का सबसे बड़ा एकीकृत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स बन रहा है।
सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी रिफाइनरी के निर्माण स्थल का दौरा करेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि इस दौरे का मकसद अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करना है। यह 72,000 करोड़ रुपये की परियोजना है, जो बाड़मेर जिले के पचप्रदेश कस्बे में बन रही है।
RRP का निर्माण कार्य एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (HRRL) देख रही है, जो 2013 में बना HPCL और राजस्थान सरकार का संयुक्त उपक्रम है।
HRRL में HPCL की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत है, जबकि राजस्थान सरकार की हिस्सेदारी शेष26 प्रतिशत है। इस परियोजना में देरी के कारण लगातार लागत बढ़ रही है।
HRRL ने शुरुआत में 2017 तक 90 MMTPA(मिलियन मीट्रिक टन प्रति साल) की नई रिफाइनरी और 20 लाख टन सालाना क्षमता की पेट्रोकेमिकल इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा था।
इस रिफाइनरी का शिलान्यास 2013 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने किया था, लेकिन इस पर 2018 में काम शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया।
देश में एक स्थान पर सबसे ज्यादा निवेश वाली परियोजना के रूप में प्रचारित इस परियोजना की नई समय सीमा 2022 तय की गई। HRRL ने उस समय भी कहा था कि सभी वैधानिक मंजूरियों के बाद मशीनी रूप से परियोजना 4 साल में पूरी कर ली जाएगी।
इस परियोजना पर काम कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस परियोजना के प्रमुख घटक में 9 मुख्य रिफाइनरी इकाइयां और 4 मुख्य पेट्रोकेमिकल इकाइयां शामिल हैं। इसके निर्माण में पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग रहा है। इसकी वजह से पूरी समयसीमा आगे बढ़ गई है।’
उन्होंने कहा कि सभी रिफाइनरियों की स्थापना के लिए अनुमानित तिथि मार्च 2024 है, लेकिन 4 इकाइयां अगले 3 माह में चालू हो सकती हैं। परियोजना स्थल पर करीब 8,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं।
आरोप प्रत्यारोप
पिछले कुछ साल से राज्य सरकार ने कई बार केंद्र से इस परियोजना को तेजी से पूरा करने में मदद करने को कहा है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार आरआरपी पर बड़ा दांव लगा रही है, जिससे शुष्क और व्यापक रूप से ग्रामीण मारवाड़ इलाके में स्थायी रोजगार का सृजन हो सकता है। यह राज्य के पश्चिमी इलाके में है। एचपीसीएल का कहना है कि इस परियोजना से 40,000 प्रत्यक्ष और 60,000 परोक्ष नौकरियों के सृजन की संभावना है। टाउनशिप, स्कूल, अस्पताल और समर्पित ग्रीन जोन व अन्य सुविधाएं इस स्थल पर बनेंगी, जैसा पड़ोसी राज्य गुजरात के जामनगर में हुआ है।