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आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या घटी, उत्पादकता और मुनाफे में आया उछाल

निफ्टी आईटी सूचकांक में शामिल देश की 10 बड़ी सूचीबद्ध आईटी कंपनियों की वित्त वर्ष 2024 में प्रति कर्मचारी औसतन शुद्ध आय 42.3 लाख रुपये रही।

Last Updated- December 20, 2024 | 11:10 PM IST
Number of employees decreased in IT sector, productivity and profits increased आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या घटी, उत्पादकता और मुनाफे में आया उछाल

आईटी सेवा क्षेत्र में कर्मचारियों की कुल संख्या कम होने से कर्मचारियों की उत्पादकता और उद्योग के मुनाफे पर सकारात्मक असर पड़ा है। देश की शीर्ष सूचीबद्ध आईटी कंपनियों की कर्मचारी उत्पादकता में तेजी से इजाफा हुआ है। कर्मचारियों की उत्पादकता को ताजा भर्तियों पर रोक और कर्मचारियों की संख्या कम होने के बाद पिछले दो साल में प्रति कर्मचारी कंपनी की आय के आधार पर मापा गया है।

निफ्टी आईटी सूचकांक में शामिल देश की 10 बड़ी सूचीबद्ध आईटी कंपनियों की वित्त वर्ष 2024 में प्रति कर्मचारी औसतन शुद्ध आय 42.3 लाख रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023 के 38.7 लाख रुपये से 9.2 फीसदी अ​धिक है।  वित्त वर्ष 2022 में यह चार साल में सबसे कम 34.9 लाख रुपये थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रति कर्मचारी आय सालाना आधार पर बढ़कर 43.3 लाख रुपये हो गई है।

तकनीकी क्षेत्र की शोध और इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म अनअर्थइनसाइट के संस्थापक और सीईओ  गौरव वासु ने कहा, ‘कर्मचारियों की संख्या घटने और जेनएआई तथा आईटी ट्रांसफॉर्मेशन सेगमेंट में नए सौदों से पिछले 12 से 18 महीनों में आईटी कंपनियों की प्रति कर्मचारी आय करीब 90 फीसदी बढ़ी है।’

बता दें कि वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 में आय वृद्धि और कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के बीच असमानता के कारण उद्योग की प्रति कर्मचारी आय में गिरावट आई थी। वित्त वर्ष 2024 में आईटी उद्योग में कुल कर्मचारियों की संख्या इससे पिछले साल की तुलना में 3.9 फीसदी घटी है और वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में इसमें 0.4 फीसदी की और कमी आई है। तकरीबन दो दशक में पहली बार उद्योग में कुल कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है।

शीर्ष 10 आईटी कंपनियों के कुल कर्मचारियों की संख्या घटकर इस साल मार्च अंत में करीब 17.12 लाख थी जबकि मार्च 2023 के अंत में कुल कर्मचारियों की संख्या रिकॉर्ड 17.81 लाख थी। इस साल सितंबर में कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर करीब 17.36 लाख हो गई मगर यह अभी भी सितंबर 2023 के 17.43 लाख से कम ही है।

गौरव के अनुसार आईटी कंपनियों द्वारा बड़ी संख्या में भर्तियों का दौर अब बीत चुका है। उन्होंने कहा, ‘उद्योग में कुल कर्मचारियों की संख्या मौजूदा स्तर से शायद कम नहीं होगी मगर कंपनियां अब पहले की तुलना में कम संख्या में भर्तियां करेंगी और उसमें भी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक में कुशल कर्मचारियों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।’

वित्त वर्ष 2024 में आईटी कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री 4.9 फीसदी बढ़कर 7.24 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2023 में 6.9 लाख करोड़ रुपये थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह सालाना आधार पर 5 फीसदी बढ़कर 3.76 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 3.58 लाख करोड़ रुपये थी।

आय में अपेक्षाकृत तेज वृद्धि से उद्योग के मार्जिन और मुनाफे पर सकारात्मक असर पड़ा है मगर आईटी कंपनियों को कर्मचारियों की उत्पादकता और बढ़ाने पर ध्यान देना होगा क्योंकि कर्मचारियों पर होने वाला औसत खर्च प्रति कर्मचारी आय की तुलना में ज्यादा तेज बढ़ रहा है।

आईटी उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में प्रति कर्मचारी करीब 24.3 लाख रुपये खर्च किए जो वित्त वर्ष 2023 के 21.7 लाख रुपये से 12.8 फीसदी अधिक है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रति कर्मचारी लागत सालाना आधार पर 12.2 फीसदी बढ़कर 24.8 लाख रुपये हो गई है।

वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में उद्योग का एबिटा या परिचालन मार्जिन 40 आधार अंक बढ़कर 24 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 24 में 23.6 फीसदी था। पहली छमाही में आईटी कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 9.8 फीसदी बढ़कर 58,411 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 53,208 करोड़ थी। विश्लेषकों ने कहा कि निकट से मध्य अवधि में मार्जिन पर दबाव रहेगा।

एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च के योगेश अग्रवाल, प्रतीक माहेश्वरी और सागर देसाई ने भारतीय आईटी उद्योग पर अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है, ‘अगले साल मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है। कुल मिलाकर मार्जिल 2024 के स्तर पर बना रहेगा। रुपये में नरमी से मार्जिन और प्रति शेयर आय पर जोखिम बढ़ सकता है।’

कोटक  इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के विश्लेषकों ने कहा है, ‘बाजार में बड़े सौदे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। हालांकि इसमें अग्रिम लागत शामिल होगी जिसका मार्जिन पर असर पड़ेगा। कंपनियां वृद्धि और लाभप्रदता बनाए रखने के लिए कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ाकर और खर्च कम करने का लाभ उठाने पर ध्यान बनाए रखेगी।’

First Published - December 20, 2024 | 11:07 PM IST

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