सरकार आईटी उद्योग के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद संशोधित राष्ट्रीय आईटी नीति तैयार करने के अंतिम चरण में है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को प्राप्त जानकारी के अनुसार, नई आईटी नीति को इस साल के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, इस साल अक्टूबर के आखिर अथवा नवंबर के आरंभ में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष मसौदा नीति की औपचारिक प्रस्तुति किए जाने की उम्मीद है।
नई आईटी नीति वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को मजबूत करने, इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास (ईआरऐंडडी) में सुधार करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी। साथ ही इसके तहत आईटी सेवाओं एवं उत्पादों के निर्यात के लिए बड़े लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि उद्योग के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर इन लक्ष्यों को 3 से 5 साल की छोटी अवधि के लिए परिभाषित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘आईटी नीति का मसौदा तैयार है। इसमें रोजगार सृजन और देश में जीसीसी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। फिलहाल हम ईआरऐंडडी के मोर्चे पर पिछड़े हुए हैं, इसलिए उसे मजबूत करने पर भी अधिक ध्यान दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘वह ढांचा 5 साल से अधिक का नहीं होगा। इसलिए 5 साल के लिए हमारे पास कुछ अच्छे आंकड़े होंगे, जैसे हम निर्यात के मामले में किस लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं। हम उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’
इस बाबत जानकारी के लिए आईटी मंत्रालय को भेजे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। नई राष्ट्रीय आईटी नीति तैयार करने के लिए देश के 5 प्रमुख आईटी केंद्रों में उद्योग के साथ व्यापक परामर्श किया गया है। इन आईटी केंद्रों में बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर शामिल हैं। इस दौरान आईटी क्षेत्र की 100 से अधिक शीर्ष कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। इन कंपनियों में आईटी सेवा क्षेत्र की 5 दिग्गज कंपनियां और इस क्षेत्र में काम करने वाली कुछ स्टार्टअप शामिल हैं।
उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘आईटी मंत्रालय ने लगभग सभी आईटी कंपनियों, कम से कम 100 शीर्ष कंपनियों के साथ बैठक की है। इन बैठकों के जरिये आईटी मंत्रालय, राजस्व विभाग, वित्त, व्यय एवं अन्य मंत्रालयों से संबंधित मुद्दों एवं चिंताओं के बारे में जानकारी प्राप्त किए हैं। प्राप्त जानकारी के आधार पर मंत्रालय ने नई आईटी नीति का मसौदा तैयार किया है।’
नई नीति में आईटी उत्पाद तैयार करने और कार्यबल को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की भी उम्मीद है। अधिकारी ने कहा, ‘इस नीति का दायरा बढ़ाकर इसमें स्टार्टअप को भी शामिल किया जा सकता है, मगर इस संबंध में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’
करीब एक दशक पुरानी राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी नीति, 2012 (एनपीआईटी 2012) के तहत देश के आईटी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए खास लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। इसका उद्देश्य 2020 तक आईटी एवं आईटी समर्थ सेवा (आईटी-आईटीईएस) उद्योग से प्राप्त राजस्व को 300 अरब डॉलर तक बढ़ाना, आईटी क्षेत्र में 1 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित करना और निर्यात बढ़ाना था।