देश की प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा कि कंपनी की नैतिक आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। टीसीएस की 28वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों के सवालों का जवाब देते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने ये बातें कहीं।
वृहद आर्थिक अनिश्चितता पर चंद्रशेखरन ने कहा कि अल्पावधि में गैर-जरूरी खर्चों में घट-बढ़ होगी लेकिन मध्यम से दीर्घावधि में एआई, आईओटी, क्लाउड के दम पर कंपनी और आईटी क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
नियुक्तियों में रिश्वत के मामले में कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर बयान दिया है। चंद्रशेखरन ने इस मामले में शेयरधारकों को जवाब देते हुए कहा कि छह कर्मचारियों और छह बिजनेस एसोसिएट फर्मों या नियुक्ति फर्मों को प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही तीन अन्य कर्मचारियों की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘टाटा समूह की कंपनी में हरेक कर्मचारियों से नैतिक आचरण और संचालन में सत्यनिष्ठा की अपेक्षा की जाती है और यह सबसे महत्त्वपूर्ण है। यह वित्तीय प्रदर्शन से भी महत्त्वपूर्ण है। जब कभी भी किसी कर्मचारी द्वारा नैतिक आचरण का उल्लंघन होता है तो इससे हमें पीड़ा होती है…हम इसे बेहद गंभीरता से लेते हैं और ऐसे मामले में हमेशा सख्त कार्रवाई की जाती है।’
शेयरधारकों को मामले की जानकारी देते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी को फरवरी और मार्च में दो व्हिसलब्लोअर से दो शिकायतें मिली थीं और दोनों मामले में जांच की गई। भर्तियों में बिजनेस एसोसिएटों को सहयोग पहुंचाने और अनुचित लाभ लेने की शिकायत की गई थी।
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘कंपनी के कुछ लोगों द्वारा भर्तियों में चुनिंदा बिजनेस एसोसिएट फर्मों का पक्ष लेने को लेकर शिकायत आई थी। हमने पाया कि छह कर्मचारियों ने नैतिक आचरण का पालन नहीं किया। इन कर्मचारियों को मिले लाभ का आकलन नहीं कर सकते, लेकिन प्रतिबंधित कर्मचारियों ने इस तरह व्यवहार किया कि वे कुछ कंपनियों का पक्ष ले रहे थे। इसलिए हमने उन छह कर्मचारियों और छह कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ जांच चल रही है।’
चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी दुनिया भर में करीब 1,000 बिजनेस एसोसिएट के साथ काम कर रही है जो 55 देशों में कर्मचारियों की भर्ती करते हैं। कंपनी समूचे बिजनेस एसोसिएट आपूर्ति प्रबंधन प्रक्रिया की समीक्षा करेगी और इसकी खामियों का पता लगाएगी तथा पूरी प्रक्रिया को कड़ा बनाएगी ताकि इस तरह की घटना न हो।
आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और वृद्धि में नरमी पर बढ़ती चिंता को लेकर चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनियां सोच-समझकर खर्च करेंगी। मध्यम से दीर्घावधि में वृद्धि का परिदृश्य मजबूत है। लेकिन निकट अवधि में आईटी क्षेत्र में उतार-चढ़ाव रहेगा।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एआई जैसी तकनीक कंपनी और उद्योग के लिए उपयोगी हैं। एआई पर चंद्रशेखरन ने कहा कि इसके अवसर और प्रभाव एकदम अलग स्तर के हो सकते हैं। दुनिया भर के देशों को जेनरेटिव एआई के जिम्मेदार उपयोग को लेकर नियमन बनाने के लिए आगे आना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि टीसीएस एआई की क्षमता विकास पर निवेश करेगी।